रजिस्ट्रेशन एवं लाइसेंसिंग अथारिटी पालमपुर में वाहन पंजीकरण को लेकर हुए फर्जीवाड़े में पकड़े गए दो आरोपी

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आवाज़ ए हिमाचल

10 मार्च। रजिस्ट्रेशन एवं लाइसेंसिंग अथारिटी पालमपुर में वाहन पंजीकरण को लेकर हुए फर्जीवाड़े में पकड़े गए दो आरोपितों और कब्जे में ली गई गाड़ी के बाद अब मामले में बड़ा खुलासा हुआ है। जांच में यह बात सामने आई है कि जो डेढ़ करोड़ कीमत वाली गाड़ी पुलिस ने कब्जे में ली है, उसे फर्जीवाड़े के सरगना ने 10 लाख रुपये में खरीदा था। बीएस-4 श्रेणी की यह गाड़ी अमान्य होने वाली थी तो सरगना ने उसे कंपनी से फर्जी तरीके से 10 लाख रुपये में खरीद लिया था। इसके बाद पालमपुर आरएलए कार्यालय में तैनात कर्मचारी से गुपचुप तरीके से पंजीकरण करवाया था और इसके बाद गाड़ी को दिल्ली भेज दिया था।

बताया जा रहा है कि पालमपुर पुलिस ने इस डेढ़ करोड़ रुपये कीमत वाली गाड़ी के अलावा एक और लग्जरी गाड़ी की शिनाख्त की है। मुख्य आरोपित अरविंद ने वर्ष 2020 में मात्र छह माह में करीब 50 गाड़ियां पालमपुर में पंजीकृत करवाई हैं। गाड़ियां किसी और के नाम थीं और आधार कार्ड दूसरे लोगों के लगाए थे। अब पालमपुर पुलिस की टीमें पंजाब, हरियाणा और दिल्ली में फर्जी तरीके से पंजीकृत हुई गाड़ियों की तलाश के लिए दबिश दे रही हैं। डीएसपी पालमपुर अमित कुमार ने बताया कि दोनों आरोपितों से पूछताछ की जा रही है।

यह है मामला

केंद्रीय प्रदूषण बोर्ड की ओर से निर्धारित नियमों के अनुसार 31 मार्च, 2020 के बाद बीएस-4 मानक के वाहनों के पंजीकरण पर रोक लगा दी गई है। इसके बाद बीएस-6 मानक वाहनों का पंजीकरण ही संभव है। आरएलए कार्यालय पालमपुर में नियमों को धता बताकर तय तिथि के बाद भी छह माह में 112 वाहनों का पंजीकरण किया गया था। कुछ लोगों ने शाखा से अनापत्ति प्रमाणपत्र हासिल कर वाहन अन्यत्र पंजीकृत करवा लिए थे। रिकॉर्ड खंगालने पर पता चला था कि 112 वाहनों के पंजीकरण में फर्जीवाड़ा हुआ है। हालांकि दो वाहन मालिकों ने प्रशासन के नोटिस के बाद कार्यालय में आकर पंजीकरण सही साबित कर दिया लेकिन 110 से संबंधित कोई भी जानकारी प्रशासन को नहीं मिली थी। इसके बाद पुलिस ने इस मामले में प्राथमिकी दर्ज कर जांच शुरू की थी।

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