आवाज ए हिमाचल
05 मार्च। 4300 करोड़ के घोटाले में फंसे हिमाचल के पांवटा साहिब की इंडियन टेक्नोमैक कंपनी के एमडी राकेश शर्मा और निदेशक विनय शर्मा समेत 14 आरोपियों के खिलाफ प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने चार्जशीट दाखिल कर दी। पीएमएलए स्पेशल कोर्ट शिमला में धन शोधन निवारण अधिनियम (पीएमएलए) 2002 के तहत चार्जशीट दाखिल की गई है। ईडी ने धन शोधन की जांच हिमाचल प्रदेश पुलिस की सीआईडी द्वारा दर्ज की गई एफआईआर के आधार पर शुरू की थी।
चार्जशीट के अनुसार ईडी को जांच में पता चला है कि आरोपियों ने बैंक लोन हड़पने के लिए डायवर्ट करने का तरीका निकाला। इसमें कई लेयर की फर्जी (शेल) कंपनियों की मदद से आरोपियों ने 407.13 करोड़ की राशि हड़पी और इसी राशि का चल-अचल संपत्तियों में निवेश कर दिया।
जांच में यह भी पता चला है कि लोन के लिए कंपनी ने अपनी बैलेंस शीट में फर्जी कंपनियों और फर्मों से फर्जी खरीद और बिक्री दिखाई। इसके लिए मैटीरियल रिसिप्ट नोट्स से लेकर इनवर्ड रजिस्टर, स्टॉक रजिस्टर, सेल बिल, सिल बिल्टी, खरीद बिल व खरीद बिल्टी जैसे दस्तावेज फैक्ट्री में ही तैयार किए गए। फर्जी कंपनियों को लेटर ऑफ क्रेडिट के जरिये बड़ी राशि आरटीजीएस कर भेजी गई और यह राशि थोड़े समय बाद टेक्नोमैक कंपनी को वापस आरटीजीएस कर दी गई।
इसके बाद इस राशि को एमडी राकेश शर्मा और अन्य निदेशकों ने आपस में बांट लिया। मामले में अब तक ईडी ने कंपनी और इसके प्रमोटरों की 288.1 करोड़ की संपत्तियां अटैच कर ली हैं। जांच में इस बात की पुष्टि के बाद ईडी ने अब मामले में चार्जशीट दाखिल की है।