आवाज ए हिमाचल
03 मार्च। हिमाचल प्रदेश के निजी स्कूलों की फीस नियंत्रित करने के लिए जयराम सरकार नया कानून बनाएगी। राज्य निजी शिक्षण संस्थान विनियामक एक्ट 1997 में संशोधन करने का फैसला सरकार ने बदल दिया है। संभावित है कि चार मार्च को प्रस्तावित कैबिनेट बैठक में इस नए विधेयक को मंजूरी देकर विधानसभा के बजट सत्र में इसे पारित करने के लिए रखा जाएगा। नए कानून के तहत जिला उपायुक्त की अध्यक्षता में बनाई जाने वाली कमेटी में निजी स्कूलों की फीस निर्धारित की जाएगी।कमेटी में निजी स्कूल प्रबंधन के अलावा पीटीए को शामिल किया जाएगा। उच्च शिक्षा निदेशक की अध्यक्षता वाली कमेटी फीस को मंजूरी देगी। इस कमेटी में अतिरिक्त निदेशक और प्रारंभिक शिक्षा निदेशक को शामिल किया जाएगा। जिला उपनिदेशकों की अध्यक्षता में बनने वाली कमेटी स्कूलों में फीस वसूली की व्यवस्था की मानीटरिंग करेगी।
नए कानून के तहत फीस को तर्कसंगत बनाते हुए वर्दी और किताबें खरीदने के लिए चिह्नित दुकानों की व्यवस्था पर भी रोक लगाई जाएगी। विभागीय अधिकारियों ने बताया कि निजी स्कूलों में दी जाने वाली सुविधाओं के आधार पर फीस तय की जाएगी। स्कूल प्रबंधन और पीटीए (पेरेंट्स-टीचर एसोसिएशन) से चर्चा की जाएगी। सभी के सुझाव लेने के बाद फीस तय होगी, ताकि अभिभावकों का कोई शोषण न हो। फीस में हर वर्ष होने वाली बढ़ोतरी के लिए भी प्रावधान किया जाएगा।बीते दिनों सरकार ने निजी शिक्षण संस्थान विनियामक एक्ट 1997 में संशोधन का फैसला लिया था। विधि विभाग के साथ कई दिनों तक संशोधन को लेकर मंथन हुआ। पुराने एक्ट में कई संशोधन करने के चलते अब सरकार ने नया कानून ही बनाने का फैसला लिया है। नए कानून के आने पर राज्य निजी शिक्षण संस्थान विनियामक एक्ट 1997 खुद निरस्त हो जाएगा।