आवाज़ ए हिमाचल
1 मार्च। जिला मंडी का बल्ह अपनी करोड़ों की नकदी फसलों की पैदावार के लिए मिनी पंजाब के नाम से मशहूर है। लेकिन मुख्यमंत्री के ड्रीम प्रोजेक्ट बल्ह अंतरराष्ट्रीय एयरपोर्ट ने पिछले दो वर्षों से प्रदेश की राजनीति में हलचल पैदा कर रखी है। प्रस्तावित हवाई अड्डे के फैसले को लेकर वर्ष 2018 से बल्ह बचाओ संघर्ष समिति का विरोध लगातार जारी है। इसके तहत सोमवार को बल्ह बचाओ संघर्ष समिति के द्वारा पूर्व निर्धारित रैली का आयोजन ढोल नगाड़ों की थाप पर किया गया। इस मौके पर क्षेत्र की 8 प्रभावित पंचायतों से सैकड़ों लोगों और महिलाओं ने रैली में भाग लिया और मुख्यमंत्री के ड्रीम प्रोजेक्ट मंडी हवाई अड्डे के फैसले के खिलाफ जमकर नारेबाजी की। रैली का आयोजन बल्ह के कंसा चौक से एसडीएम कार्यालय तक किया गया और एसडीएम बल्ह आशीष शर्मा के माध्यम से देश के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और प्रदेश के राज्यपाल तथा मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर को हवाई अड्डे के निर्माण के खिलाफ एक ज्ञापन भी सौंपा।
8 पंचायतों के 2500 परिवार और लगभग 13 हजार से अधिक किसान भूमिहीन और विस्थापित होंगे
मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर के ड्रीम प्रोजेक्ट अंतर्राष्ट्रीय बल हवाई अड्डे को लेकर विरोध लगातार जारी है। किसानों की मांगे हैं कि हवाई अड्डे के निर्माण से 8 पंचायतों के 2500 परिवार और लगभग 13 हजार से अधिक किसान भूमिहीन और विस्थापित होंगे। हवाई अड्डे के निर्माण से बल में उगने वाली नगदी फसलों की खेती समाप्त हो जाएगी और युवाओं को बेरोजगारी का दंश झेलना पड़ेगा। किसानों का कहना है कि मंडी में प्रस्तावित हवाई अड्डे का रनवे घरेलू उड़ान के लिए प्रस्तावित है। लेकिन अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डे के नाम पर लोगों के साथ छल किया जा रहा है।
किसानों की उपजाऊ भूमि को कौडिय़ों के भाव लिया जा रहा
बल्ह बचाओ संघर्ष समिति का कहना है कि प्रस्तावित हवाई अड्डे के क्षेत्र में जमीन के सर्कल रेट बहुत कम है जिससे किसानों की उपजाऊ भूमि को कौडिय़ों के भाव सरकार के द्वारा लिया जा रहा है। समिति ने प्रस्तावित हवाई अड्डे से विस्थापित और प्रभावित होने वाले लोगों की पुर्नस्थापना, पुनर्वास और रोजगार को लेकर भी प्रश्नचिन्ह खड़े किए हैं। समिति ने प्रदेश के मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर से प्रस्तावित हवाई अड्डे की परियोजना को किसी बंजर भूमि में स्थानांतरित करने की मांग की है