शाहपुर में घरद्वार पर मिलेगा दरिणी,बोह व सल्ली की देशी गाय- भैंस का शुद्ध,ताज़ा दूध,दही व पनीर

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आवाज़ ए हिमाचल

27 फरवरी।दरिणी,बोह व सल्ली की देशी गाय व भैंस का शुद्ध व ताज़ा दूध,दही व पनीर अब शाहपुर में घर द्वार पर मिलेगा।शाहपुर बाजार में पहली मार्च से यह सुविधा शुरू हो जाएगी।टाटा ट्रस्ट मुंबई की सहयोगी संस्था हिमोत्थान के सहयोग से शाहपुर के धारकंडी में धौलाधार डेयरी स्थापित कर दी है।अहम यह है कि इस सारी व्यवस्था को चलाने के लिए स्थानीय लोगों के साथ एक संस्था बनाई गई है।

यह संस्था धारकंडी के दरिणी,सल्ली,कनोल,भलेड़,रुलेहड़,बोह सहित अन्य गांवों के पशुपालकों से दूध एकत्रित करेगी,इसके लिए पहले चरण में बकायदा सात कलेक्शन सेंटर भी स्थापित कर दिए गए है।गांव के लोग रोजाना गाय व भैंस का दूध तय कलेक्शन सेंटरों में देंगे,जहां बकायदा इसकी गुणवत्ता जांची जाएगी तथा बाद में कलेक्शन सेंटरों से दूध दरिणी में बनाई गई डेयरी में जायेगा तथा डेयरी में दूध को शीशे की बोतलों में सीलबंद किया जाएगा।सील बंद दूध की बोतलें शाहपुर लाई जाएगी।अहम यह है कि दूध वितरण के लिए शाहपुर गैस एजेंसी के सामने आउटलेट बनाया गया है।दूध,दही व पनीर का वितरण इस आउटलेट के माध्यम से किया जाएगा,इसके अलावा घर-घर भी सप्लाई दी जाएगी।

* धारकंडी के दूध उत्पादकों को मिलेगा सही दाम

संस्था की इस मुहिम का लाभ शाहपुर की जनता संग शाहपुर के दुर्गम धारकंडी क्षेत्र के दूध उत्पादकों को भी मिलेगा।यहां बता दे कि धारकंडी क्षेत्र के कई गांव पशुपालन व कृषि पर निर्भर है।यहां रोजाना हज़ारों लीटर दूध निकाला जाता है,लेकिन दूध को बाजार तक ले जाने का विकल्प न होने के कारण उन्हें भारी दिक्कतों का सामना करना पड़ता है।दूध का सही दाम न मिलने के कारण अधिकतर लोग खोया बनाने का काम करते है तथा यह खोया बिचौलियों के माध्यम से बाजार में बेचा जाता है।हज़ारों लीटर दूध का सही दाम नहीं मिल पाता।कोरोना के दौरान लगे लॉक डाउन में तो दुधउत्पादको को भारी दिक्कतों का सामना करना पड़ा।दूध न बिकने के कारण कई परिवारों पर दो वक्त की रोटी संकट आ गया।

अब जबकि धारकंडी में धौलाधर डेयरी की स्थापना की गई है तो लोगों ने बड़ी राहत ली है।इस मुहीम से जहां दूध उत्पादक अपने गांव में ही दूध बेच कर सही दाम प्राप्त कर सकेंगे,वहीं शाहपुर बाजार में लोगों को शुद्ध व ताज़ा दूध भी आसानी से उपलब्ध हो पाएगा।शाहपुर की अगर बात की जाए तो शुद्ध व ताज़ा देशी गाय भैंस के दूध की भारी कमी है।लोगों को मजबूरन पैकेट वाले दूध पर निर्भर रहना पड़ रहा है।इस मुहिम से उन्हें न केवल घर द्वार पर शुद्ध ताज़ा व देशी गाय भैंस का दूध आसानी से उपलब्ध हो पाएगा, बल्कि देशी पनीर व दही में आराम से कम कीमतों पर मिल जाएगा।

सीनियर प्रोजेक्ट अधिकारी अमित उपमन्यु ने बताया कि उनका मुख्य मकसद पशुपालकों व लोगों को स्वरोजगार से जोड़कर उनकी आर्थिक स्थिति ठीक करना है।उन्होंने कहा कि शाहपुर के धारकंडी में दूध की कमी नहीं है,लेकिन उसे बाजार में बेचने के उचित साधन नहीं थे तथा इसी के चलते डेयरी की स्थापना की जा रही है।उन्होंने कहा कि इसी तरह का एक प्रोजेक्ट उत्तराखंड में लगाया गया है,जिससे स्थानीय लोगों की आर्थिक स्थिति काफी ठीक हुई है।

 

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