आवाज ए हिमाचल
26 फरवरी। वीरभद्र सरकार के दो पूर्व मंत्रियों, एक कांग्रेस विधायक समेत चार नेताओं के खिलाफ जांच की तैयारी में जुटी विजिलेंस ने जांच के लिए दी जाने वाली अनुमति पर तीन महीने के अंदर फैसला लेने को कहा है। विजिलेंस निदेशालय की ओर से सरकार को भेजे गए पत्र में कहा गया है कि प्रिवेंशन ऑफ करप्शन अमेंडमेंट एक्ट 2018 के सेकेंड प्रोविजियो के अनुसार संबंधित विभाग अथवा अधिकारी को जांच की अनुमति को लेकर अपना फैसला तीन महीने के भीतर लेना होगा।लिखित में कारण बताने पर इस मियाद को एक महीने और बढ़ाया जा सकता है। पत्र में इस प्रावधान का हवाला देने के बाद अब सरकार पर अनुमति देने को लेकर दबाव बढ़ गया है। दरअसल, भाजपा चार्जशीट में पूर्व स्वास्थ्य मंत्री कौल सिंह ठाकुर, पूर्व परिवहन मंत्री जीएस बाली, विधायक एवं पूर्व कांग्रेस सरकार में आपदा प्रबंधन बोर्ड के अध्यक्ष रहे राजेंद्र राणा और राज्य वक्फ बोर्ड के पूर्व अध्यक्ष ख्वाजा खलीलुल्ला पर कई तरह के आरोप लगाए गए थे।
इन आरोपों की जांच के लिए विजिलेंस ब्यूरो ने सरकार को पत्र लिखा था, जिसके बाद विजिलेंस निदेशालय ने संबंधित विभागों को पत्र लिखकर जांच की अनुमति मांगी है। विजिलेंस ने 20 फरवरी 2021 को पत्र लिखकर भाजपा चार्जशीट की क्रम संख्या 3, 4, 24 और 27 में उठाए विषयों के संदर्भ में जांच करने की मंजूरी मांगी है, जो सरकार के पास पहुंच गया है।75 पृष्ठों की इस चार्जशीट को पूर्व कांग्रेस सरकार के कार्यकाल मेें भाजपा ने राज्यपाल को सौंपा था। इसमें सत्ता का दुरुपयोग कर 40 नेताओं और अधिकारियों पर घोटाले करने के गंभीर आरोप हैं। सत्ता में आने के बाद भाजपा ने इस आरोप पत्र को विजिलेंस जांच के लिए सौंपा था। कई बिंदुओं पर पहले भी जांच बैठाई जा चुकी है।