आवाज ए हिमाचल
23 फ़रवरी। हिमाचल प्रदेश में हाल ही में संपन्न हुए पंचायती राज संस्थाओं के चुनाव में 50 फ़ीसद से ज्यादा महिलाएं प्रधान और वार्ड सदस्य के रूप में चुनी गई हैं। महिला सशक्तिकरण के लिए हिमाचल प्रदेश के अंदर महिलाओं को पंचायती राज संस्थाओं के चुनावों में 50 फ़ीसदी आरक्षण है। प्रायः देखा जाता है कि कई बार निर्वाचित महिला प्रतिनिधियों के पति तथा अन्य रिश्तेदार पुरुष पंचायतों द्वारा किए जाने वाले विकास कार्यों तथा अन्य मामलों में भी हस्तक्षेप करते हैं, जिस पर पंचायती राज विभाग ने सख्ती दिखाते हुए ऐसे निर्देश जारी किए हैं कि महिला प्रधान के पति या अन्य सगे संबंधी पुरुष अब उनके कार्यों में किसी भी प्रकार का हस्तक्षेप नहीं कर सकेंगे। विभाग को ऐसी शिकायतें निरंतर प्राप्त होती रही हैं कि महिला प्रधानों और वार्ड सदस्यों के पति उनके कार्यों में दखल अंदाजी करते हैं, जिस कारण महिलाएं स्वयं कोई भी निर्णय नहीं कर पाती हैं।
विभाग की ओर से जारी किए गए निर्देशों में स्पष्ट कहा गया है कि महिला प्रतिनिधियों को दिए गए अधिकारों को छीनने वालों के खिलाफ हिमाचल प्रदेश पंचायती राज एक्ट के तहत सख्त कार्रवाई अमल में लाई जाएगी। निर्वाचित महिला प्रतिनिधियों के पति और अन्य रिश्तेदार पुरुष ग्राम पंचायतों की बैठकों और अन्य खंडस्तरीय बैठकों के अलावा अन्य कार्यों में शामिल नहीं हो सकेंगे।विभाग का तर्क यह है कि निर्वाचित महिला प्रतिनिधि स्वयं अपने विवेक के अनुसार निर्णय करें और उनके द्वारा लिए जाने वाले निर्णयों में किसी की भी दखलअंदाजी न हो। यदि विभागीय बैठकों में महिला प्रधानों और महिला वार्ड सदस्यों को आमंत्रित किया गया है तो इस स्थिति में महिला प्रतिनिधि स्वयं जाएंगी।