आवाज ए हिमाचल
23 फ़रवरी। लोक निर्माण विभाग के 52 मंडलों में 250 करोड़ के गड़बड़झाले में सरकार ने रिपोर्ट ऑफ इन्क्वायरी को मंजूरी दे दी है। अब विभागीय जांच में दोषी पाए गए 10 अधिकारी दंडित होंगे। इन्होंने सरकार को नोटिस का जवाब दे दिया है, जिसमें खुद को बेकसूर बताया है। आरोपित इंजीनियर करीब ढाई साल पहले चार्जशीट किए गए थे। सूत्रों के अनुसार सरकार इन्हें मेजर पेनल्टी लगा सकती है। इसके तहत सेवानिवृत्त अधिकारियों की पेंशन तक बंद हो सकती है। प्रारंभिक जांच के बाद सरकार ने तत्कालीन चीफ इंजीनियर बीके शर्मा को विभागीय जांच करने का जिम्मा सौंप था।
यह है नियम
नियमों के मुताबिक ए और बी क्लास के ठेकेदार डी क्लास के ठेके नहीं ले सकते हैं। हाईकोर्ट ने भी 2015 के नियमों पर मुहर लगाई । नियम के अनुसार डी क्लास के ठेकेदार 30 लाख रुपये तक का कार्य कर सकते हैं। सी क्लास के ठेकेदार 80 लाख , बी क्लास के ठेकेदार दो करोड़ तक और ए क्लास के ठेकेदार दो करोड़ और इससे ऊपर के ठेके ले सकते हैं। ठेकों के आवंटन में अधिकारियों ने बड़ा खेल खेला।
सरकार दोषियों पर कड़ी कार्रवाई करे
ठेकेदार एवं मामले को हाईकोर्ट में पहुंचाने वाले रामस्वरूप का कहना है ठेकों के आवंटन में बड़े पैमाने पर धांधली हुई। मैं मामला हाईकोर्ट तक ले गया। शुरू में कुछ अफसरों को चार्जशीट किया गया, इसके बाद विभागीय जांच में उलझाए रखा। सरकार दोषियों पर कड़ी कार्रवाई करें। सभी मंडलों के लिए एक जैसे मानक हों।