आवाज ए हिमचाल
19 फ़रवरी। हिमाचल प्रदेश में खुले नौ फर्जी शिक्षण संस्थानों की मान्यता जांचने वाले शिक्षा निदेशालय के अफसर सीबीआई रडार पर आ गए हैं। 265 करोड़ के छात्रवृत्ति घोटाले में उच्च शिक्षा निदेशालय की कार्यप्रणाली सवालों के घेरे में है। चार नाइलेट, चार स्किल डेवलपमेंट और एक आईटीआई के नाम पर चल रहे फर्जी संस्थानों की जांच का जिम्मा देख रहे अधिकारी और कर्मचारी अब निशाने पर आ गए हैं। कई वर्षों तक बिना मान्यता चल रहे इन संस्थानों की बगैर जांच किए ही शिक्षा निदेशालय से धनराशि जारी होती रही। अब इन संस्थानों के निदेशकों की गिरफ्तारी से उच्च शिक्षा निदेशालय में हड़कंप मच गया है।
सीबीआई सूत्रों ने बताया कि संस्थानों की मान्यता जांचने वाले अफसरों की सूची तलब की जाएगी। नौ फर्जी संस्थानों को किस आधार पर छात्रवृत्ति जारी होती रही, इसकी पड़ताल होगी। शिक्षा विभाग के अफसरों की संलिप्तता भी जांची जाएगी। उधर, शिक्षा विभाग के अधिकारियों ने बताया कि इन संस्थानों की मान्यता सहित अन्य दस्तावेजों की जांच करने वाले कई अधिकारी सेवानिवृत्त हो चुके हैं। कुछ के तबादले भी हो गए हैं। छात्रवृत्ति घोटाला सामने आते ही सरकार ने शिक्षा निदेशालय की छात्रवृत्ति शाखा का सारा स्टाफ बदल दिया था। छात्रवृत्ति घोटाले के मुख्य आरोपी और निदेशालय में बतौर अधीक्षक सेवाएं दे चुके अरविंद राज्टा के साथ काम करने वाले स्टाफ से भी आने वाले दिनों में सीबीआई जवाबतलबी करने की तैयारी में है।