आवाज़ ए हिमाचल
18 फरवरी। हिमाचल के 50 सरकारी स्कूल प्रधानाचार्यों ने एसएमसी शिक्षकों का वेतन रोक दिया है। हैरानी इस बात की है कि यह वेतन जून, 2020 से रोका गया है। कई ऐसे एसएमसी शिक्षक हैं, जिन्हें अभी भी वेतन नहीं मिला है। ऐसे में अब मामला शिक्षा विभाग के पास पहुंचा है। प्रारंभिक शिक्षा निदेशालय ने जिला उपनिदेशकों को नोटिस जारी किया है। शिक्षा विभाग ने जिला से रिपोर्ट मांगी है कि कितने एसएमसी शिक्षक अभी वेतन से अछूते हैं। यह जानकारी विभाग ने स्कूल व प्रधानाचार्यों के नाम के साथ मांगी है। फिलहाल शिक्षा विभाग के पास 50 स्कूलों की शिकायत मिली है, जिन्होंने एसएमसी शिक्षकों का वेतन पिछले साल जून व जुलाई से लेकर अभी तक जारी नहीं किया है। ये स्कूल चंबा, कांगड़ा, शिमला, बिलासपुर व मंडी जिला के बताए जा रहे हैं।
शिक्षा विभाग ने साफ किया है कि इस मामले पर लापरवाही होने पर संबंधित एसएमसी प्रधान से भी जवाब तलब किया जाएगा। राज्य के सरकारी स्कूलों में 2555 एसएमसी शिक्षक छात्रों को पढ़ा रहे हैं। कोरोना काल में भी एसएमसी शिक्षकों ने ऑनलाइन स्टडी के माध्यम से अपनी पढ़ाई को जारी रखा था। हालांकि उसके बाद सरकार ने एसएमसी शिक्षकों को राहत देते हुए उनकी एक्स्टेंशन को भी बहाल कर दिया था, इसके साथ ही कोविड काल के वेतन को जारी करने पर भी हरी झंडी दे दी थी। पर एसएमसी शिक्षकों को वेतन नहीं दिया है। एसएमसी शिक्षक संघ के प्रदेशाध्यक्ष मनोज रांग्टा का कहना है कि लंबे समय से एसएमसी शिक्षकों की इस तरह से अनदेखी की जाती है। आरोप लगाया कि कई प्रधानाचार्य ऐसे हैं, जो बजट होने के बावजूद वेतन जारी नहीं कर रहे हैं।
लापरवाही हुई, तो कारण बताओ नोटिस
प्रारंभिक शिक्षा निदेशक शुभकर्ण ने कहा कि जिला उपनिदेशकों से रिपोर्ट तलब की है। जिलों से रिपोर्ट आने के बाद नियमों के तहत कार्रवाई अमल में लाई जाएगी। वहीं विभाग ने जिला उपनिदेशकों से दस दिन में रिपोर्ट तलब की है। विभाग ने साफ किया है कि अगर किसी प्रधानाचार्य की बार-बार लापरवाही हुई होगी, तो कारण बताओं नोटिस जारी किए जाएंगे।