आवाज़ ए हिमाचल
15 फरवरी।आंगनबाड़ी में कार्यरत कर्मचारियों को सरकारी कर्मी घोषित किए जाने की मांग फिर से आंगनबाड़ी कर्मियों ने बुलंद कर दी है। सोमवार को आंगनबाड़ी में कार्यरत कर्मियों ने हिमाचल प्रदेश आंगनबाड़ी कर्मचारी संघ की जिला इकाई की जिला प्रधान अजय कुमारी के नेतृत्व में उपायुक्त कांगड़ा के माध्यम से मुख्यमंत्री सहित केंद्र सरकार को मांगपत्र भेजा है।जिला प्रधान अजय कुमारी सहित प्रतिनिधिमंडल में शामिल अन्य कर्मियों ने बताया कि उन्होंने पांच प्रमुख मांगों को लेकर मांगपत्र भेजा है। जिसमें आंगनबाड़ी में कार्यरत सभी कर्मियों को सरकारी कर्मचारी घोषित किया जाए और उन्हें सामाजिक सुरक्षा देकर उन्हें उचित श्रेणी में यथाशीघ्र शामिल किया जाए। वहीं केंद्र सरकार द्वारा निर्धारित वेतन सेविका को 18 हजार जबकि सहायिका को 9000 रुपये प्रतिमाह भुगतान किया जाए। इसके अलावा राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 के तहत देश के सभी आंगनबाड़ी केंद्रों को प्राथमिक विद्यालय की मान्यता देते हुए इनमें कार्यरत कार्यकर्ता एवं मिनी कार्यकर्ता को पूर्व प्राथमिक शिक्षिका और सहायिका को पूर्व प्राथमिक सह शिक्षिका का सम्मानजनक पदनाम दिया जाए।
आंगनबाड़ी में कार्यरत सभी कर्मियों के लिए भी भविष्य निधि, पेंशन, ग्रेच्युटी और चिकित्सा सुविधा यथाशीघ्र लागू किया जाए। इसके अलावा आंगनबाड़ी कर्मियों को भी सरकारी कर्मचारी की तरह अर्जित अवकाश, आकस्मिक अवकाश, चिकित्सक अवकाश और विभिन्न त्योहारों पर मिलने वाली छुट्टियां देने की व्यवस्था की जाए।जिला प्रधान ने बताया कि आंगनबाड़ी कर्मी सरकार की विभिन्न योजनाओं को सरकारी कर्मचारी की तरह क्रियान्वित करती हैं और सरकार की सारी योजनाएं जैसे टीकाकरण, पल्स पोलियो की ड्राप पिलाना, वोटर लिस्ट का सर्वे करना, जन्म-मृत्यु का पंजीकरण करवाना सहित अन्य काम आंगनबाड़ी कर्मी करती हैं और 25 सालों से कार्य कर रही हैं, लेकिन उनकी मांगों को नहीं माना जा रहा है।