आवाज ए हिमाचल
11 फरवरी।ऋषिगंगा और तपोवन टनल में एक बार फिर से रेस्क्यू ऑपरेशन शुरू हो गया है। पानी भरने की सूचना के बाद लगभग डेढ़ घंटे के लिए रेस्क्यू ऑपरेशन को रोका गया था, लेकिन बाद में हालात का जायजा लेने के लिए एयर फोर्स की टीम ने आपदा ग्रस्त ग्लेशियर और 10 गांव का दौरा किया। जिसके बाद स्थिति को सामान्य पाने पर एक बार फिर से रेस्क्यू ऑपरेशन शुरू कर दिया गया है।
चमोली में तपोवन विष्णुगाड परियोजना की टनल में फंसे लोगों को रेस्क्यू करने में पल-पल नई चुनौती पेश आ रही है। बुधवार मध्यरात्रि ड्रिल करके काम कर रही टीम का पता लगाने की जिस रणनीति पर काम शुरू किया गया था, सुबह ग्यारह बजे उसे बदलना पड़ा। अब फिर से मुख्य टनल की सफाई कर टी प्वाइंट की तरफ बढ़ने की रणनीति पर काम करने का फैसला किया गया है। छह मीटर ड्रिल के बाद लोहे का जाल और कंक्रीट की मजबूत सतह मिलने के चलते और गहराई में ड्रिलिंग संभव नहीं हो पा रही है।इसीलिए ड्रिलिंग रोककर अब फिर से मुख्य टनल से मलबा हटाने का काम शुरू किया जा रहा है। टनल के भीतर रविवार से 34 लोग फंसे हुए हैं। ये सभी फलशिंग टनल में काम करने गए थे। डीजीपी अशोक कुमार ने कहा कि बचाव अभियान के तहत हम कल तक सुरंग में मलबा हटाने का काम कर रहे थे। अंदर देखने के लिए हमने छोटी सुरंग में ड्रिलिंग भी शुरू की थी, लेकिन मशीन के टूटते ही इसे अस्थायी रूप से रोक दिया गया है।
-
- अचानक ऋषिगंगा नदी का जलस्तर बढ़ने के चलते तपोवन में रेस्क्यू ऑपरेशन रोका गया है।
- रैणी गांव से नदी में पानी बढ़ने की सूचना के बाद टनल के भीतर और टनल के बाहर आसपास के क्षेत्रों में बचाव कार्य में जुटी टीमें सुरक्षित स्थान पर भेज दी गई हैं।
- बता दें कि टनल के भीतर मलबा हटाने का काम चल रहा था। टनल के भीतर फंसे 34 सदस्यीय दल तक पहुंचने के लिए टनल से मलबा साफ किया जा रहा था।
- एनटीपीसी के परियोजना निदेशक उज्जवल भट्टाचार्य ने बताया कि हम 6 मीटर की दूरी तक पहुंच गए थे और फिर हमने देखा किया कि वहां पानी आ रहा है। अगर हम काम जारी रखते तो चट्टानें अस्थिर हो सकती थीं, इससे समस्या हो जाती। इसलिए हमने ड्रिलिंग ऑपरेशन को कुछ समय के लिए रोक दिया है।
- चमोली पुलिस के अनुसार नदी में पानी का स्तर बढ़ रहा है, आस-पास के इलाकों में रहने वाले लोगों को सतर्क किया जा रहा है। लोगों से अनुरोध है कि वे सतर्क रहें और घबराएं नहीं।
- डीजीपी अशोक कुमार ने बताया कि चमोली जिले में ऋषिगंगा नदी में जलस्तर बढ़ने के कारण बचाव अभियान अस्थायी रूप से रोका गया है। निचले इलाकों को खाली करने के आदेश दिए गए हैं।
- टनल के पास से पानी निकालना हुआ शुरू, रोका गया राहत और बचाव कार्य।
- उत्तराखंड की राज्यपाल बेबी रानी मौर्य ने आज चमोली जिले में टनल क्षेत्र का दौरा किया। इस दौरान वहां चल रहे बचाव अभियान का जायजा लेने के लिए वह आइटीबीपी के अधिकारियों से मिलीं।
- उत्तराखंड राज्यपाल बेबी रानी मौर्य हैलिकॉप्टर से जोशीमठ हैलीपैड पहुंची। इसके बाद यहां से कार द्वारा तपोवन पहुंचकर आपदा प्रभावित क्षेत्र का निरीक्षण करेंगी।
- आइटीबीपी के डीआइजी अपर्णा कुमार ने बताया कि ऐसी संभावना है कि सुरंग के अंदर कुछ और लोग फंस सकते हैं, एनटीपीसी की टीम वर्टिकल ड्रिलिंग का इस्तेमाल कर रही है।
- चमोली में पुल बह जाने के बाद 13 सीमांत गांवों का संपर्क कट गया है। इसके बाद से गांवों को जोड़ने के लिए आइटीबीपी के जवान झूला पुल का निमार्ण कर रहे हैं। इसका उपयोग ब्रिज के एक तरफ से दूसरी तरफ राशन पहुंचाने के लिए किया जाएगा।
- प्रशासन के अनुसार, अब तक 34 शव बरामद हुए हैं। इनमें से 10 की शिनाख्त हो गई। वहीं, 170 लोग अभी लापता हैं।
- टनल में फंसे करीब 34 लोगों को बाहर निकालने के लिए रेस्क्यू ऑपरेशन पांचवें दिन गुरुवार को भी जारी है।
- गुरुवार सुबह करीब दो बजे रेस्क्यू टीम ने मुख्य टनल में ही करीब 12 मीटर तक ड्रिलिंग का काम शुरू कर दिया गया है। ड्रिलिंग कर कैमरे के जरिये फंसे व्यक्तियों का पता लगाया जाएगा।
- बुधवार को नेवी के माकरेस ने श्रीनगर के समीप कोटेश्वर झील में सर्च आपरेशन चलाया।
- एनटीपीसी से प्राप्त सूचना के आधार पर अब तक ये माना जा रहा था कि टनल में टी-प्वाइंट पर उक्त व्यक्ति फंसे हैं।
- तपोवन-विष्णुगाड हाइड्रो प्रोजेक्ट की टनल में फंसे 34 व्यक्तियों को बचाने के लिए रेस्क्यू आपरेशन की रणनीति को चौथे दिन बदलना पड़ा।