सरकार ने जमाखोरी अधिनियम निरस्त कर व्यापारियों को दी खुली छूट : जीएस बाली

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आवाज ए हिमाचल
11 फरवरी। कानूनों में बदलाव के पश्चात बहुत सी व्यवस्थाएं व्यापारिक हो गई हैं। बोलने की आजादी समाप्त हो गई है, न जाने कब किस पर देशद्रोह का मामला बन जाए। यह बात पूर्व मंत्री जीएस बाली ने पत्रकार वार्ता ने पत्रकार वार्ता में कही। उन्होंने कहा कि पिछले अढ़ाई माह से चल रहे किसान अंदोलन पर कानून बदलने के बाद सरकार चर्चा को तैयार नहीं है। सैकड़ों किसान ठंड में ठिठुर रहे हैं, जोकि चिंताजनक है। सरकार को अंदोलन पर चर्चा करके समाधान निकालना होगा। पूर्व मंत्री ने कहा कि देश तथा प्रदेश की सरकारें असंवेदनशील हो गई हैं।

पहले जमाखोरी करने पर व्यापारियों को डर रहता था कि जमाखोरी करने पर सरकारें छापा मारती हैं। लेकिन जमाखोरी अधिनियम समाप्त होने के कारण अब सरकारें छापा नहीं मार सकेंगी। जमाखोरी अधिनियम निरस्त कर सरकार ने व्यापारियों को खुली छूट दे दी है। जिससे आम जनता को मुश्किल का सामना करना पड़ेगा। सरकार राजस्व बढ़ाने के लिए सरकारी संपत्ति का निजीकरण कर रही है। डीजल-पेट्रोल के दाम बढ़ रहे हैं। एक पैट्रोलियम कंपनी का विनिवेश कर दिया है, जिससे आम जनता को महंगाई, बेरोजगारी का सामना करना होगा, जो सरासर अन्यायपूर्ण है। जिला परिषद चुनाव में कांग्रेस के बैकफुट पर जाने के सवाल पर पूर्व मंत्री बाली ने कहा कि सत्ता पक्ष ने उनके सदस्यों को काबू करके क्रॉस वोटिंग करवाई है। सरकार आगामी चुनाव पार्टी चिन्ह पर चुनाव करवाने पर सहमति जताती है तो कांग्रेस भी पूरी तरह से तैयार है, यकीनन परिणाम अलग होंगे।

छात्रों से छीना जा रहा फ्री बस सुविधा का लाभ

जीएस बाली ने कहा कि सरकार ने श्रम कानून में बदलाव कर दिया है। अब कोई व्यक्ति हलचल या अंदोलन नहीं कर पाएगा। उन्होंने प्रदेश सरकार को आड़े हाथों लेते हुए कहा 2012 में कांग्रेस के शासनकाल में स्कूली बच्चों को सरकारी बसों में मुफ्त सफर की व्यवस्था थी तथा कॉलेज के विद्यार्थियों को भी छूट रखी रखी गई थी, लेकिन वर्तमान सरकार ने विद्यार्थियों की सुविधा वाले बस रूट बंद कर दिए हैं, जिसका लाभ निजी बस संचालकों को पहुंच रहा है।

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