आवाज ए हिमाचल
11 फरवरी। हिमाचल सरकार के अधिकारियों से खफा ऊर्जा मंत्री सुखराम चौधरी ने मुख्यमंत्री से इस मामले को उठाया। बुधवार दोपहर बाद करीब ढाई बजे वह अपने कार्यालय से सीधे मुख्यमंत्री कार्यालय पहुंचे। संभवत: मुख्यमंत्री से उन्होंने प्रशासनिक लचरता पर चर्चा की। इससे पहले राज्य योजना बोर्ड की बैठक में उन्होंने पावंटा-साहिब विधानसभा क्षेत्र से जुड़े विकास कार्य नहीं हो पाने का मामला उठाया। उन्होंने औपचारिकताएं पूरी होने के बावजूद खनन इकाइयों को मंजूरी नहीं दिए जाने का मामला उठाया। साथ ही भू-राजस्व अधिनियम की धारा-118 का भी जिक्र किया।
चौधरी ने प्रदेश में उद्यमियों को इकाइयां स्थापित करने के लिए समयबद्ध मंजूरी प्रदान करने का आग्रह किया। उन्होंने कहा कि राज्य में अवैध खनन को रोकने के लिए आवश्यक कदम उठाए जाने चाहिए। साथ ही वैज्ञानिक तरीके से खनन को बढ़ावा प्रदान करने के लिए लोगों को खनन पट्टे प्रदान किए जाए।तीन दिन पहले विधायक प्राथमिकता की बैठक में नाहन विधानसभा से भाजपा विधायक राजीव बिंदल ऐसा ही मामला उठा चुके है। उनका मत था कि विकास कार्याें से जुड़े प्रस्तावों की अनदेखी हो रही है। विकास कार्यों को प्राथमिकता नहीं दी जा रही है। कई विपक्षी कांग्रेस विधायकों की ओर से भी इसी तरह से उपेक्षा के आरोप लगाए गए थे।