आवाज ए हिमाचल
05 फरवरी। चंबा कारागार में खाली पड़ी जमीन पर अंगूर की खेती की जाएगी ताकि जमीन का सदुपयोग होने के साथ सजायाफ्ता कैदियों का काम मिल सके। साथ ही पहाड़ की मिट्टी पर पैदा हुए अंगूर का स्वाद पर्यटक भी ले सकें। इसके अलावा जेल में हाथ की कारीगिरी को भी बढावा दिया जाएगा। अंगूर के साथ पिकानेट का भी बगीचा लगाया जाएगा। चीड़ के पत्तों से सजावट का सामान तैयार कर हिमकारागार के माध्यम से बेचा जाएगा।
बुधवार को चंबा दौरे पर पहुंचे डीजीपी जेल सोमेश गोयल ने ये आदेश जारी किए हैं। उन्होंने चंबा कारागार में कैदियों से रूबरू होकर उन्हें विभिन्न तरह के कार्यो को करने के लिए प्रेरित किया। कहा मौजूदा समय में प्रदेश के अलावा चंबा जेल में भी बेकरी उत्पादन किया जा रहा है। इन उत्पादों को बाजार में बेचा जा रहा है। ऐसे में आम जन भी जेल में सजायाफ्ता कैदियों के हाथों से बनी बेकरी का स्वाद चख रहे हैं।प्रदेश की जेलों में क्वालिटी से समझौता किए बिना करोड़ों का सामान बेचा जा रहा तभी लोग भरोसे के साथ इस सामान को खरीद रहे हैं। कारागार में साउंड सिस्टम लगाया जाएगा जिस पर दिनभर कोई न कोई कार्यक्रम जारी रहेगा ताकि कैदी मनोरंजन का आनंद उठा सकें। दौरे के दौरान पुलिस अधीक्षक चंबा एस अरुल कुमार ने सोमेश गोयल को शॉल टोपी भेंटकर सम्मानित किया।
चंबा कारागार में खाली पड़ी जमीन पर अंगूर एवं पिकानेट की खेती की जाएगी ताकि सजायाफ्ता कैदियों को रोजगार मिल सके।