आवाज ए हिमाचल
01 फरवरी। राजस्व विभाग में अब निशानदेही और इंतकाल के लिए लोगों को अधिकारियों के चक्कर नहीं काटने पड़ेंगे। इन कामों के लिए जल्द ही समय सीमा तय हो सकती है। राजस्व कानूनों के सरलीकरण को लेकर गठित कमेटी की रिपोर्ट प्रदेश सरकार के पास पहुंच गई है। अब विधानसभा के आगामी बजट सत्र में संशोधन होने से दशकों से चली आ रही परेशानी का समाधान संभव होगा। पहले मंत्रिमंडल की बैठक से इस रिपोर्ट को मंजूरी मिलेगी। उसके बाद संशोधन के लिए विधानसभा में पेश किया जाएगा। अतिरिक्त मुख्य सचिव राजस्व आरडी धीमान का कहना है कि राजस्व मंत्री महेंद्र सिंह ठाकुर की अध्यक्षता में गठित कमेटी की रिपोर्ट चर्चा के लिए बजट सत्र में पेश होगी। यदि उचित समझा जाएगा तो संसोधन के माध्यम से नया राजस्व कानून बनेगा और मौजूदा समय में पेश आ रही समस्याओं का हमेशा के लिए समाधान संभव होगा।
राजस्व अदालतों में 94 हजार मामले लंबित
प्रदेश की विभिन्न राजस्व अदालतों में 94 हजार मामले लंबित हैं। इनमें 29 हजार से अधिक मामले पार्टीशन के हैं। 18 हजार से अधिक मामले डिमार्केशन, 25 हजार से अधिक केस म्यूटेशन के हैं। राजस्व दस्तावेजों में दुरुस्ती के भी 2497 मामले लंबित हैं। जानकारी के मुताबिक कमेटियों ने राजस्व मामलों के निपटारे के लिए दोनों पक्षों को समन भेजने की प्रक्रिया को समयबद्ध करने की सिफारिश की है। इसके साथ ही बंदोबस्त की प्रक्रिया के सरलीकरण के बारे में भी उप समिति ने कहा है।