मेयर-डिप्टी मेयर के चुनाव पर गरमाई सियासत, भाजपा बोली- महिला को मिले मौका

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आवाज ए हिमाचल

17 अक्टूबर।हिमाचल प्रदेश की राजधानी शिमला में नगर निगम महापौर और उपमहापौर चुनाव को लेकर सियासत गरमा गई है। 15 नवंबर को खत्म होने जा रहे मेयर व डिप्टी मेयर के ढाई साल के कार्यकाल को देखते हुए कांग्रेस के कई पार्षद सक्रिय हो गए हैं। वहीं, इस मामले में पहली चार अब भाजपा भी सामने आ गई है। भाजपा का कहना है कि अगले ढाई साल के लिए महिला पार्षद को महापौर पद पर मौका मिलना चाहिए। नगर निगम सदन में अभी 34 में से 21 पदों पर महिला पार्षद काबिज है। महिला पार्षदों की संख्या ज्यादा होने के कारण महापौर पद पर अब महिला पार्षद को तरजीह मिलनी चाहिए। भाजपा पार्षद सरोज ठाकुर का कहना है कि कांग्रेस सरकार को महिला पार्षदों का मान रखना चाहिए। उन्होंने कहा कि अब रोस्टर में बदलाव जरूरी है ताकि महिला को महापौर पद पर मौका मिल सके। कांग्रेस सरकार रोस्टर में संशोधन कर महिलाओं से यह हक छीन सकती है लेकिन इसका विरोध किया जाएगा। उन्होंने कि 12 साल से मेयर पद अनुसूचित जाति महिला के लिए आरक्षित नहीं हुआ है। ऐसे में अब नियमानुसार इस श्रेणी को माैका मिलना चाहिए।साल 2023 में हुए नगर निगम चुनाव के समय बहुमत हासिल करने वाली कांग्रेस की महिला पार्षद पार्टी नेत्री प्रियंका गांधी के सामने भी महिला को नगर निगम में अहम पद देने का पक्ष रख चुकी है। इनका कहना था कि सदन में पहली बार 20 से ज्यादा महिला पार्षद चुनकर आई हैं। ऐसे में महिलाओं को ही उच्च पद पर वरीयता मिलनी चाहिए। हालांकि उस समय कांग्रेस ने उप महापौर पद पर तो सबसे अनुभवी महिला पार्षद उमा कौशल को तैनाती दी लेकिन महापौर पद पर मुख्यमंत्री के करीबी सुरेंद्र चौहान को बिठाया गया। अब 15 नवंबर को मेयर डिप्टी मेयर का पूरा ढाई साल का कार्यकाल पूरा हो रहा है।ऐसे में कांग्रेस पार्षद भी आने वाले दिनों में दोबारा से अपनी दावेदारी पेश कर सकती हैं। उधर, कांग्रेस के भी कई पार्षद रोस्टर को लेकर सक्रिय हो गए हैं। सूत्रों के अनुसार मौका मिलना चाहिए। उधर, कांग्रेस के भी कई पार्षद रोस्टर को लेकर इस महीने होने वाली मंत्रिमंडल की बैठक में रोस्टर में संशोधन को लेकर चर्चा हो सकती है। रोस्टर के अनुसार महापौर और उप महापौर पद पर अगले महीने दोबारा चुनाव करवाए जाने हैं। चुनाव न करवाने पड़े, इसके लिए रोस्टर में संशोधन करना होगा।

चर्चा यही है कि सुरेंद्र चौहान को ही 5 साल इस पद पर महापौर बनाए रखने की तैयारी है। हालांकि इस पर आने वाले दिनों में स्थिति स्पष्ट होगी। नगर निगम सदन में अभी 34 में से कांग्रेस के 24 पार्षद हैं। इस तरह पार्टी के पास स्पष्ट बहुमत है। वहीं भाजपा के 9 और माकपा का एक पार्षद है। महापौर और उप महापौर पद पर कांग्रेस के ही पार्षदों की तैनाती होनी है। इन पदों के लिए भाजपा के साथ कोई मुकाबला नहीं है लेकिन कांग्रेस के किन पार्षदों को अगले ढाई साल के लिए माैका मिलेगा, इस पर सबकी नजरें टिकी हैं। यदि महापौर पद पर रोस्टर में महिला को मौका मिलता है तो इसके लिए कांग्रेस की तीन पार्षद दाबेदार हैं। वर्तमान उपमहापौर उमा कौशल, नाभा से कांग्रेस पार्षद सिमी नंदा और राम बाजार से पार्षद सुषमा कुठियाला मेयर पद की दावेदार मानी मानी जा जा रही हैं। यदि महापौर का पद अनुसूचित जाति महिला के लिए आरक्षित होता है तो सिमी नंदा इकलौती दावेदार रहेंगी।

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