आवाज ए हिमाचल
01 फरवरी। हिमाचल प्रदेश को केंद्रीय बजट से पर्याप्त राजस्व घाटा अनुदान मिलने की उम्मीद है। यह चालू वित्त वर्ष की तरह अगले साल के लिए भी करीब 11 हजार करोड़ रुपये के आसपास मिल सकता है। केंद्र ने प्रदेश सरकार से केंद्रीय बजट के लिए सुझाव मांगे थे, जिसमें प्रदेश सरकार ने पूंजीगत व्यय के लिए पर्याप्त आर्थिक मदद जारी करने की मांग की है। अगर केंद्र इसे मान लेता है तो हवाई अड्डों, रेल और सड़क विस्तार के लिए पूंजीगत व्यय का अनुदान बढ़ सकता है। सोमवार को केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण आम बजट पेश करने जा रही हैं। विशेषज्ञों के अनुसार प्रदेश सरकार की नजर इस पर है कि कोरोना काल में हुए अंधाधुंध खर्च और कमाई कम होने के बाद केंद्र खर्चों में कटौती करती है या अपने रिजर्व्स खोल देती है। अगर खर्चे घटते हैं तो असर प्रदेश को मिलने वाली केंद्रीय मदद पर भी पड़ेगा। केंद्र से वित्तपोषित योजनाओं के लिए बजट कटौती के रूप में इसका प्रभाव दिख सकता है।
चालू वित्त वर्ष में केंद्र ने 15वें वित्तायोग की सिफारिश के अनुसार प्रदेश को करीब 11 हजार करोड़ का राजस्व घाटा अनुदान दिया था। ऊना में पीजीआई सेटेलाइट सेंटर के लिए बजट बढ़ने की उम्मीद है। प्रस्तावित बल्क ड्रग पार्क और उद्योगपतियों के लिए भी बड़ी घोषणा की आस है।बजट में महिलाओं को महंगाई से राहत चाहिए तो युवाओं को रोजगार के नए अवसरों की आस है। किसानों और बागवानों को फ्रूट सप्लाई चेन मजबूत होने के साथ विदेशी फलों के आयात पर शत-प्रतिशत आयात शुल्क लगाने की उम्मीद है। प्रदेश के करीब अस्सी हजार कर्मचारियों को एक साल से फ्रीज अतिरिक्त महंगाई भत्ते, पुरानी पेंशन बहाली की आस है।
केंद्रीय मदद पर निर्भर रहेगा हिमाचल का अपना बजट
सूबे का अपना बजट इस बार भी केंद्रीय मदद पर निर्भर करेगा। राज्य सरकार ने इस बार ऋण लेने की वार्षिक सीमा पार कर अपने खर्चे चलाए हैं। अगर केंद्र ने निराश किया तो सरकार का अपना वार्षिक बजट प्रभावित होगा। कोरोना संकट के बीच उम्मीद है कि पिछले साल की तरह ही प्रदेश को केंद्र से राजस्व घाटा अनुदान मिलेगा। इसके अलावा वित्तपोषित योजनाओं और अन्य पूंजीगत व्यय के लिए भी मदद मिलेगी।