आवाज़ ए हिमाचल
30 जनवरी। वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने शुक्रवार को संसद में आर्थिक समीक्षा 2020-21 पेश कहा कि कोरोना की वजह से मौजूदा वित्त वर्ष में जीडीपी में 7.7 फीसदी गिरावट का अंदेशा है, लेकिन इसके बाद वी शेप यानी तेज रिकवरी होगी। इसलिए 2021-22 में जीडीपी में 11 फीसदी ग्रोथ रहेगी। फिर भी इकोनॉमी को महामारी से पहले के स्तर तक आने में दो साल लगेंगे। पहली फरवरी को पेश किए जाने वाले बजट से पहले संसद के पटल पर रखी गई समीक्षा में अर्थव्यवस्था की स्थिति की विस्तार से जानकारी देते हुए सीतारमण ने कहा कि कोरोना वायरस महामारी और उसकी रोकथाम के लिए लगाए गए लॉकडाउन से प्रभावित अर्थव्यवस्था में अगले वित्त वर्ष 2021-22 में तेजी से रिकवरी की उम्मीद है।
चालू वित्त वर्ष की पहली तिमाही में आर्थिक वृद्धि दर में 23.9 प्रतिशत, जबकि दूसरी तिमाही में 7.5 प्रतिशत की गिरावट आई है। पूरे वित्त वर्ष में 7.7 प्रतिशत की गिरावट का अनुमान है। अगले वित्त वर्ष 2021-22 में जीडीपी (सकल घरेलू उत्पाद) वृद्धि दर 11 प्रतिशत रहने का अनुमान है। मुख्य आर्थिक सलाहकार कृष्णमूर्ति वेंकट सुब्रह्मण्यम की अगवाई वाली टीम ने 2020-21 की आर्थिक समीक्षा तैयार की है। इसमें अर्थव्यवस्था के विभिन्न क्षेत्रों के बारे में जानकारी दिए जाने के साथ-साथ आर्थिक वृद्धि को गति देने के लिए आगे किए जाने वाले सुधारों के बारे में सुझाव दिए गए हैं। वित्त मंत्री ने कहा कि देश में बुनियादी ढांचा क्षेत्र की वृद्धि सरकार की प्रमुख प्राथमिकता रही है। भारत की आर्थिक वृद्धि के मजबूत युग की शुरुआत होगी। औद्योगिक गतिविधियों में सुधार और मजबूती, सरकार द्वारा अधिक पूंजीगत व्यय, टीकाकरण अभियान और सुधार संबंधी लंबित उपायों को आगे ले जाने से मजबूत सुधार के रास्ते खुलेंगे।
वी शेप्ड रिकवरी की जताई गई उम्मीद
इकॉनोमिक सर्वे में इकॉनोमी में वी शेप्ड रिकवरी का अनुमान है। इसमें इकॉनोमी जितनी तेजी से लुढ़कती है, उतनी ही तेजी से उबरती भी है। सरकार के प्रोत्साहन और नीतियों से मांग तेजी से बढ़ती है। इनकम और आउटपुट बढ़ता है, मांग बढ़ती है और लोग ज्यादा खर्च करते हैं।
बेरोजगारी दर घटकर 5.8 प्रतिशत हुई
आर्थिक समीक्षा 2020-21 में कहा गया है कि राष्ट्रीय स्तर पर सभी आयु वर्गों में बेरोजगारी की दर 2017-18 के 6.1 प्रतिशत से मामूली रूप से घटकर 2018-19 में 5.8 प्रतिशत रह गई। वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने कहा कि बेरोजगारी की दर में कमी सभी श्रेणियों में देखी गई है।
हेल्थकेयर पर सरकारी खर्च बढ़ाने की जरूरत
सर्वे में हेल्थकेयर पर सरकारी खर्च जीडीपी का 2.5 से तीन फीसदी तक ले जाने की बात कही गई है। 2017 की नेशनल हेल्थ पॉलिसी में भी यह लक्ष्य रखा गया था। इसके बावजूद अभी यह एक फीसदी के आसपास ही है।
तीसरी बड़ी इकॉनोमी बनने को इनोवेशन जरूरी
सर्वे में आर्थिक वृद्धि दर तेज करने के लिए अपनाए जा सकने वाले उपायों का भी जिक्र किया गया। इसमें कहा गया है कि अभी भारत दुनिया की पांचवीं सबसे बड़ी इकोनॉमी है। अगर इसे तीसरे स्थान पर पहुंचना है, तो इनोवेशन पर ध्यान देना पड़ेगा।