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स्वर्ण राणा,नूरपुर
28 जनवरी।नूरपुर सिविल अस्पताल में 85 वर्षीय बृद्ध महिला के कूल्हे का सफल प्रत्यारोपण किया गया है। यह पहला मामला हैं जब किसी सरकारी सिविल अस्पताल में कूल्हे की सफल सर्जरी की गई हैं। हालांकि, सिविल अस्पताल में इस तरह की जटिल सर्जरी के लिए सीमित साजोसामान के चलते आर्थोपेडिक सर्जन डा. शशिकांत शर्मा और उनकी टीम के लिए बड़ी चुनौती थी। लेकिन अस्पताल की टीम ने कूल्हे का सफल प्रत्यारोपण को अंजाम देकर बड़ी उपलब्धि हासिल की हैं। आर्थोपेडिक सर्जन डा. शशिकांत शर्मा ने बताया कि जवाली उपमंडल के मतलाहड़ गांव की 85 बर्षीय बृद्ध महिला अमृती देवी की कूल्हे की हड्डी टूट गई थी। उक्त बजुर्ग महिला के परिजन इलाज के लिए नूरपुर सिविल अस्पताल ले आए। लेकिन डाक्टरों के सामने इतनी बजुर्ग महिला को बेहोश कर सर्जरी करने की बड़ी चुनौती थी। लेकिन आर्थोपेडिक सर्जन डा. शशिकांत शर्मा, एंसथेटिक डा. रूहानी महाजन, डा. मोहन, ओटीए विवेक और वार्ड सिस्टर सवित्री (ओटी नर्स) की टीम ने इस जटिल सर्जरी का बीड़ा उठाया। अततः डाक्टरों की टीम ने उक्त बजुर्ग महिला के कूल्हे का सफल प्रत्यारोपण करने की उपलब्धि हासिल की। सिविल अस्पताल में कूल्हे के सफल प्रत्यारोपण के बाद दूसरे मरीजों के लिए एक नई उम्मीद जगी हैं, जिससे प्राइवेट अस्पतालों में हजारों रूपये खर्च करने की बजाय सिविल अस्पताल में ही इलाज संभव हो पाएगा। डा. शशिकांत शर्मा ने बताया कि नूरपुर अस्पताल में ट्रामा, स्पाइन, हिप और घुटनों का प्रत्यारोपण की भी सुविधा उपलब्ध हैं। इसके लिए जरूरी साजोसामान और मशीनरी की डिमांड भेजी गई हैं। वहीं, वीरवार को वन मंंत्री राकेश पठानिया ने अस्पताल का दौरा किया और अस्पताल में उपचाराधीन बजुुर्ग महिला अमृती देवी से मुलाकात कर उनके जल्द स्वास्थ्य लाभ की कामना की। साथ ही आर्थोपेडिक सर्जन डा. शशिकांत शर्मा और उनकी टीम को इस सफल सर्जरी के लिए बधाई दी और मरीजों को बेहतर स्वास्थ्य सुविधाएं उपलब्ध करवाने के लिए जल्द ही जरूरी साजोसामान उपलब्ध करवाने का भरोसा दिया। इस मौके पर अस्पताल के एसएमओ डा. दिलबर भी मौजूद रहे।