आवाज़ ए हिमाचल
अभिषेक मिश्रा,बिलासपुर
28 जनवरी।राज्य में विलुप्त हो रही परम्परागत कलाओं को संजोने के लिए पारंम्परिक हथकरघा एंव हस्तशिल्प कलस्टर प्रोत्साहन परियोजना (परंम्परा योजना) का शुभारंभ किया गया है। यह जानकारी देते हुए महा प्रबंधक जिला उद्योग केन्द्र उत्तम वर्मा ने बताया कि इस योजना का मुख्य उददेश्य हिमाचल प्रदेश के परम्परागत हस्तशिल्प समूहो को उच्च श्रेणी का प्रशिक्षण प्रदान करके अन्तराष्ट्रीय स्तर के हस्तशिल्प उत्पादों को तैयार करना है। जिससे दस्तकारों की आमदनी में वृद्धि के साथ-साथ उनको राष्ट्रीय व अन्र्तराष्ट्रीय स्तर पर पहचान मिल सके।
उन्होंने बताया कि ऐसे दस्तकारों को मार्केटिंग समर्थन, उत्पादन क्षमता तथा गुणवत्तापूर्वक भिन्न-भिन्न प्रकार के उत्पाद तैयार करने के लिए हिमाचल प्रदेश सरकार हर सम्भव सहायता प्रदान करेगी। उन्होंने बताया कि इसी कडी मंे जिला बिलासपुर के पंजगाई में हस्तकला कढाई (हैण्ड एंम्ब्राईडरी) पर 60 दिनों का प्रशिक्षण कार्यक्रम तथा गाहर पंचायत तहसील घुमारवीं में बांस कला व शिल्प आधारित 56 दिनों का प्रशिक्षण कार्यक्रम 27 जनवरी से शुरू किया गया है। दोनों प्रशिक्षण कार्यक्रमों में 30-30 प्रशिक्षणार्थी भाग लेंगे जिनको दो-दो प्रशिक्षित मास्टर टेªनर व डिजाईनर प्रशिक्षण देंगे। प्रशिक्षणार्थियों को स्टाईपैंड के अतिरिक्त अल्पाहार व प्रशिक्षण पूर्ण होने पर टूल किट भी प्रदान किये जायेगे।
इस अवसर पर प्रबन्धक राजेन्द्र सिंह, प्रबन्धक मनोज व मधु शर्मा, अधीक्षक तथा पंचायत के गणमान्य अधिकारी उपस्थित रहे।