आवाज ए हिमाचल
01 फरवरी।कृषि एवं पशुपालन मंत्री प्रो. चंद्र कुमार ने शनिवार को स्थानीय विश्राम गृह में आयोजित किसान गोष्ठी कार्यक्रम में प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना के अंतर्गत’मेरी पॉलिसी मेरे हाथ’के जिलास्तरीय अभियान का शुभारंभ किया।यह अभियान किसानों को उनकी फसल बीमा पॉलिसी के दस्तावेज सीधे सौंपने के उद्देश्य से शुरू किया गया है।कार्यक्रम के दौरान कृषि मंत्री ने कहा कि प्रदेश सरकार किसानों व पशुपालकों की आर्थिक सुरक्षा और कल्याण के लिए संकल्पबद्ध है।उन्होंने बताया कि प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना प्राकृतिक आपदाओं के कारण होने वाले फसल नुकसान से किसानों को बचाने के लिए एक महत्वपूर्ण योजना है।उन्होंने किसानों से किसान क्रेडिट कार्ड बनवाने की बात कही।उन्होंने बताया कि जिन किसानों ने किसान क्रेडिट कार्ड के तहत बैंक से ऋण लिया हो उनकी फसल का बीमा बैंक द्वारा स्वयं ही कर दिया जाता है।उन्होंने कहा कि किसान अपनी फसलों का बीमा स्वयं पोर्टल के माध्यम से या किसी भी लोक मित्र केंद्र में जा कर करवा सकते हैं।
उन्होंने बताया कि जिला कांगड़ा में 15 दिसंबर से पहले कुल 33236 किसानों ने अपनी गेहूं व जौं की फसल का बीमा करवाया है और इन्हें पॉलिसी के दस्तावेज अगले 2 हफ्तों में वितरित किए जाएंगे।उन्होंने बताया कि वर्ष 2023 के खरीफ मौसम में जिला कांगड़ा के 30916 किसानों ने 346 लाख रूपये का प्रीमियम देकर अपनी मक्की व धान का बीमा पंजीकरण किया था और प्राकृतिक कारणों से हुए नुक्सान की भरपाई के रूप में 12102 किसानों को 543 लाख रूपये का मुआवजा दिया गया था।उन्होंने कहा कि एक बीघा में लगाई गई गेहूं की फसल का बीमा करवाने के लिए 72 रूपये तथा जौ की फसल का बीमा करवाने के लिए 60 रूपये का प्रीमियम देना पड़ता है। यदि प्राकृतिक कारणों से इन फसलों को नुक्सान होता है तो किसानों को गेहूं की फसल का अधिकतम 4800 रूपये प्रति बीघा तथा जौ की फसल का 4000 रूपये प्रति बीघा की दर से क्लेम मिलता है।यदि ओलावृष्टि या जलभराव से स्थानीय स्तर पर फसलों को नुकसान होता है तो किसान नुकसान की भरपाई के लिए 72 घंटे के अन्दर क्षेमा जनरल इंश्योरेंस लिमिटेड के टोल फ्री नंबर 1800 572 3013 पर संपर्क कर सकते हैं।
कृषि मंत्री ने कहा कि प्रदेश सरकार ने किसानों की सहायता के लिए कई अहम कदम उठाए हैं। इनमें कृषि उपकरणों पर सब्सिडी, न्यूनतम समर्थन मूल्य पर प्राकृतिक रूप से उगाई गेहूं व मक्की की फसलों की खरीद,सिंचाई सुविधाओं का विस्तार और मृदा स्वास्थ्य कार्ड योजना जैसी पहलें शामिल हैं। साथ ही,पशुपालन क्षेत्र को बढ़ावा देने के लिए सरकार ने डेयरी उद्योग को प्रोत्साहित करने हेतु भी अनेक कदम उठाए हैं। पशुपालकों से गाय तथा भैंस के दूध को क्रमशः 45 व 55 रुपये प्रति लीटर की एमएसपी पर खरीदा जा रहा है।
प्रदेश में अत्याधुनिक दूध प्रसंस्करण संयंत्र स्थापित किए जा रहे हैं। इसके अतिरिक्त पशुपालकों से 300 रुपये प्रति क्विंटल की दर से जैविक खाद खरीदने की योजना भी शुरू की गई है। इस योजना का उद्देश्य न केवल पशुपालकों को आर्थिक सहयोग देना है, बल्कि जैविक खेती को बढ़ावा देकर मृदा की उर्वरता और पर्यावरण संरक्षण को भी सुनिश्चित करना है।
इस अवसर पर अतिरिक्त कृषि निदेशक डॉ राहुल कटोच ने कहा कि किसानों को आर्थिक तौर पर सशक्त करने के लक्ष्य प्राप्ति के लिए सरकार के दिशा निर्देशों के तहत विभाग निरंतर कार्य कर रहा है। उन्होंने किसानों से प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना का अधिक से अधिक लाभ उठाकर अपनी फसलों को सुरक्षित करने का आह्वान किया।कृषि उपनिदेशक डॉ कुलदीप धीमान ने भी उपस्थित किसानों को कृषि विभाग द्वारा चलाई जा रही विभिन्न योजनाओं की जानकारी दी। कार्यक्रम में किसानों ने भी खेतीबाड़ी के संबंध में अपने अनुभव सांझा किये।इस अवसर पर कृषि मंत्री ने 10 किसान साथियों को फसल बीमा पॉलिसी के दस्तावेज सौंपे।कार्यक्रम में सयुंक्त कृषि निदेशक डॉ राहुल कटोच,उप कृषि निदेशक डॉ कुलदीप धीमान,एसोसिएट डायरेक्टर डॉ विपन गुलेरिया, एसडीएससीओ चंचल राणा,एसएमएस ज्योति रैना,एडीओ राजीव शर्मा,सुनीता वालिया,विजय शर्मा,कांग्रेस प्रवक्ता संसार सिंह संसारी, पूर्व ब्लॉक अध्यक्ष चैन सिंह गुलेरिया,किसान साथी तथा अन्य गणमान्य लोग उपस्थित रहे ।