आवाज ए हिमाचल
29 जनवरी।तकनीकी शिक्षा मंत्री राजेश धर्माणी ने आरोप लगाया है कि भाजपा के नेता अनाप शनाप बयानबाजी कर जनता को गुमराह करने का प्रयास कर रहे हैं। केंद्र में जाकर भाजपा नेता हिमाचल के हितों को रोक रहे हैं। राज्यों में चुनाव होने पर भाजपा नेता गलत आंकड़े पेशकर कांग्रेस सरकार को कोसने का काम करते है। पहले हरियाणा, फिर महाराष्ट्र और अब दिल्ली में जाकर जनता को गुमराह करने का प्रयास किया जा रहा है।ये नेता बार बार कर्जा लेने की बात कर रहे हैं, लेकिन सरकार पर जो कर्जा चढ़ा है वह पूर्व भाजपा सरकार के कार्यकाल का है। राज्य सरकार ने दिसंबर 2022 से दिसंबर 2024 तक कुल 30 हजार 80 करोड़ का ऋण लिया है। इसमें 9 हजार 337 करोड़ का ऋण दिसंबर 2022 से 31 मार्च 2023 तक लिया गया। यह ऋण तत्कालीन भाजपा सरकार की बजट घोषणाओं को पूरा करने के लिए लेना पड़ा था। उन्होंने कहा कि 7 हजार 264 करोड़ ऋण के मूलधन को वापिस करने व 11 हजार 590 करोड़ ऋण के ब्याज की अदायगी पर खर्च किया गया है। 18 हजार 854 करोड़ का ऋण अन्य मदों के लिए लिया गया है। राज्य ने एक वर्ष के भीतर ही 2631 करोड़ रुपये का अतिरिक्त राजस्व अर्जित किया है।धर्माणी ने कहा कि हर महीने 2,800 करोड़ वेतन और पेंशन में जाता है। 60 करोड़ प्रतिमाह एचआरटीसी को सामाजिक दायित्व निभाने के लिए रहता है। बिजली बोर्ड को साल में 2,200 करोड़ का बजट दिया जा रहा है। हर महीने 120 करोड़ सामाजिक सुरक्षा पेंशन में जाता है। यह पेंशन तीन महीने बाद जारी होती है जिसके लिए 360 करोड़ बनता है। धर्माणी ने आरोप लगाया है कि भाजपा के सांसद केंद्र सरकार में हिमाचल की पैरवी नहीं कर रहे हैं। राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा और अन्य सांसद हिमाचल की अनदेखी कर रहे हैं।उन्होंने कहा कि 11 दिसंबर 2022 को कांग्रेस ने प्रदेश की सत्ता संभाली। उस वक्त 75 हजार करोड़ का कर्ज और 10 हजार करोड़ कर्मचारियों की देनदारियां विरासत में सरकार को मिली। केंद्र ने ऋण में कटौती की। सुक्खू सरकार ने वित्तीय अनुशासन का फैसला लेकर व्यवस्था को बेहतर करने की कोशिश की है जबकि भाजपा ने हिमाचल को केवल बदनाम करने की कोशिश की। हिमाचल में जरूरत मंद को बिजली मुफ्त दी जाएगी।