आवाज ए हिमाचल
अभिषेक मिश्रा, बिलासपुर
11 जनवरी।सरकार द्वारा चलाया जा रहा बाल स्वास्थ्य कार्यक्रम रेयांशी के लिए वरदान साबित हुआ है।इस कार्यक्रम की मदद से रेयांशी को आ रही सारी दिक्कते दूर हो गई और अब वे साधारण बच्चे की तरह जीवन यापन करने लगी है।रेयांशी को बोलने , खाने तथा पिने में भारी दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा था।वहीं इसके परिवार वालों को भी इसकी बहुत चिंता थी कि कैसे यह आगे अपना जीवन यापन करेगी।कौन इससे शादी करेगी,लेकिन सरकार का बाल स्वास्थ्य कार्यक्रम इसके लिए वरदान साबित हुआ है। अब रेयांशी की सारी दिक्कते खत्म हो गई है और वे अब साधारण बच्चों की तरह जीवन यापन कर रही है।इस बारे में जानकारी देते हुए खंड चिकित्सा अधिकारी मारकंड आलोक सिंगला ने बताया कि राष्ट्रीय बाल स्वास्थ्य कार्यक्रम के अंतर्गत सदर ब्लॉक मारकंड की मोबाइल हेल्थ टीम दो द्वारा आंगनवाड़ी केंद्र नई सारली में बच्चों का हेल्थ चेकअप किया गया था,इस टीम में डॉक्टर अंकिता तथा डॉ बीडी कौंडल (एएमओ) फार्मासिस्ट ज्योति तथा एएनएम मीना कुमारी ने आंगनवाड़ी केंद्र के सभी बच्चों का हेल्थ चेकअप किया। इस दौरान एक बच्ची को क्लेफ्ट लिप का शिकार पाया गया।इस टीम ने रेयांशी नामक इस बच्ची को क्लैफ्ट लिप के उपचार के लिए दिनांक 6 मार्च 2024 को आगे रेफर कर दिया, जिसके बाद 15 मई 2024 को रेयांशी का बाल स्वास्थ्य कार्यक्रम के अंतर्गत हमीरपुर अस्पताल में ऑपरेशन हुआ और यह ओपरेशन पूरी तरह से सफल रहा,जिसके बाद अब यह छोटी सी बच्ची पूर्ण रूप से स्वस्थ है।अब वे अच्छे से खाने पीने के साथ साथ अच्छे से बोल भी सकती है। इससे पूर्व रेयांशी को खाने पिने तथा बोलने में भारी दिक्कतों का सामना करना पड़ता था। रेयांशी के माता-पिता अब बहुत प्रसन्न है।उन्होंने इस कार्यक्रम के लिए सरकार व स्वास्थ्य विभाग की टीम का धन्यवाद किया है। रियांशी का ऑपरेशन व इलाज मुफ्त में हुआ।इसी के साथ-साथ माता-पिता ने ऑपरेशन करने वाले डॉक्टर का भी धन्यवाद किया।स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण विभाग के खंड चिकित्सा अधिकारी ने मोबाइल हेल्थ टीम -2 के सभी टीम सदस्यों को निष्ठा से बेहतरीन कार्य के लिए शाबाशी दी तथा मोबाइल हेल्थ टीमों को राष्ट्रीय बाल स्वास्थ्य कार्यक्रम के अंतर्गत आगे भी निष्ठा पूर्वक काम करने के लिए निर्देश दिए। उन्होंने मोबाइल हेल्थ टीम को हेल्थ चेकअप के साथ-साथ बच्चों को स्वास्थ्य संबंधी जानकारी देने के लिए भी कहां ताकि कोई भी बच्चा अपंगता ,बीमारी व पोषण की कमी के साथ जिंदगी ना जिए।शारीरिक मानसिक और सामाजिक रूप से हर एक बच्चा स्वस्थ हो क्योंकि स्वस्थ बच्चे ही कल का भारत है।