आवाज ए हिमाचल
28 जनवरी। प्रदेश उच्च न्यायालय के मुख्य न्यायाधीश एल नारायण स्वामी ने कहा है कि हमारे संविधान में नागरिकों को त्वरित न्याय प्रदान करने का अधिकार दिया गया है। अगर लोगों को न्याय प्राप्ति के लिए लंबी यात्रा करनी पड़े, तो यह न्याय में बाधा होगी, जो संविधान में निहित मूल्यों के खिलाफ होगा। लोगों को त्वरित और किफायती लागत में न्याय सुनिश्चित करने के लिए मोबाइल न्यायालय, लोक अदालत और ग्राम अदालतें कार्यशील हैं। बुधवार को मंडी जिले के सराज विधानसभा क्षेत्र के अंतर्गत थुनाग में सिविल जज एवं जेएमआईसी थुनाग न्यायालय का उद्घाटन अवसर पर उन्होंंने लोगों को संबोधित करते हुए यह बात कही। उन्होंने कहा कि थुनाग में न्यायालय की स्थापना से वांछित परिणाम हासिल करने में सुविधा होगी। प्रदेश उच्च न्यायालय के न्यायाधीश न्यायमूर्ति सुरेश्वर ठाकुर ने क्षेत्र के लोगों को सिविल जज कोर्ट मिलने पर बधाई दी। उन्होंने लोगों से अपनी समृद्ध संस्कृति और परंपराओं का निर्वहन करने और इन पर गर्व करने का आह्वान किया।
यह एक-दूसरे के साथ सौहार्दपूर्ण संबंध स्थापित करने में सहायक सिद्ध होगा। उन्होंने कहा कि यह न्यायालय क्षेत्र के युवाओं को कानून संबंधी व्यवसाय को अपनाने के लिए प्रेरित करेगा। जिला एवं सत्र न्यायाधीश आरके शर्मा ने इस अवसर पर मुख्यमंत्रीए मुख्य न्यायाधीश और अन्य गणमान्यों का स्वागत किया। उन्होंने कहा कि क्षेत्र के लोगों के लिए यह गौरव की बात है कि मुख्यमंत्री और मुख्य न्यायाधीश सिविल जज कोर्ट, थुनाग का लोकार्पण करने के लिए आए। यह न्यायालय क्षेत्र की लगभग 35 पंचायतों के लोगों को त्वरित न्याय प्रदान करने में सहायक सिद्ध होगा।
इस अवसर पर मुख्यमंत्री की धर्मपत्नी और राज्य रेडक्रॉस सोसायटी की अध्यक्षा डा. साधना ठाकुर, न्यायमूर्ति एल नारायण स्वामी की धर्मपत्नी वेनेजा के स्वामी, महाधिवक्ता अशोक शर्मा, हिमाचल प्रदेश उच्च न्यायालय के रजिस्ट्रार जनरल वरिंद्र सिंह, अतिरिक्त जिला एवं सत्र न्यायाधीश अपर्णा शर्मा, अतिरिक्त जिला एवं सत्र न्यायाधीश सुंदरनगर हंसराज, अतिरिक्त जिला एवं सत्र न्यायाधीश हरीश शर्मा, उपायुक्त ऋगदेव ठाकुर, पुलिस अधीक्षक शालिनी अग्निहोत्री, स्थानीय भाजपा नेता भागीरथ शर्मा, गुलजारी लाल, नोख सिंह ठाकुर, गुलाब सिंह, खेमदेसी और रजनी ठाकुर भी इस अवसर पर उपस्थित रहे।