आवाज ए हिमाचल
28 जनवरी।हिमाचल प्रदेश में अब गोसदनों, गो अभयारण्यों व गोशालाओं को पानी का कनेक्शन घरेलू दर पर ही मिलेगा। हिमाचल सरकार ने इसे मंजूरी दे दी है। इस संंबंध में जल शक्ति विभाग के इंजीनियर इन चीफ (ईएनसी) ने सभी चीफ इंजीनियरों को निर्देश जारी कर दिया है। राज्य सरकार प्रदेश के विभिन्न हिस्सों में बेसहारा छोड़े गोवंश के संरक्षण, पुनर्वास और उन्हें आश्रय देने के लिए प्रयास कर रही है। गौरतलब है कि अब तक सरकार प्रदेश में 15,177 बेसहारा गोवंश को आश्रय दे रही है। गोसेवा आयोग ने गोसदन संचालकों के लिए नीति तैयार की है, जिसके तहत पुराने गोसदन, गोशाला और गो अभयारण्य के संचालन के लिए प्रति गोवंश प्रतिमाह 500 रुपये प्रदान किए जा रहे हैं।
यह अनुदान केवल उन गोसदनों और गोशालाओं को दिया जाता है, जिन्होंने कम से कम 30 गायों को आश्रय प्रदान किया है। प्रदेशभर में गैर सरकारी संगठनों द्वारा संचालित 186 गोसदनों में से 111 गोसदनों को पंजीकृत करने की औपचारिकता पूर्ण करने की प्रक्रिया भी शुरू कर दी गई है। राज्य ने उत्तर प्रदेश, हरियाणा और झारखंड जैसे अन्य राज्यों की तर्ज पर गो अभयारण्य और बड़े गो आश्रय के निर्माण की भी पहल की है। आयोग पूरे प्रदेश में गो अभ्यारण्य, बड़े गोसदन स्थापित कर रहा है। जिला सिरमौर के कोटला बड़ोग में 1.67 करोड़ रुपये (एक करोड़ छियासी लाख) व्यय कर गो अभयारण्य स्थापित किया जा चुका है।