संस्कृत भाषा और संस्कृति के संपोषक विजय कुमार शर्मा के निधन पर संस्कृत परिवार जताया दुःख

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आवाज ए हिमाचल

25 नवंबर।हिमाचल प्रदेश के संस्कृत परिवार ने एक अमूल्य रत्न खो दिया। संस्कृत भाषा एवं संस्कृति के पुरोधा, हिमाचल प्रदेश राजकीय संस्कृत शिक्षक परिषद के पूर्व प्रदेशाध्यक्ष और सेवानिवृत्त संस्कृत शिक्षक, विजय कुमार शर्मा का विगत दिवस अकस्मात् देहावसान हो गया। उनके निधन की खबर ने पूरे संस्कृत जगत् को शोक में डूबा दिया। स्मरण रहे कि गांव टिहरी (गलोड़) के मूलनिवासी विजय कुमार शर्मा ने आजीवन संस्कृत भाषा और भारतीय संस्कृति के प्रचार-प्रसार के लिए अपना समर्पण किया। प्रदेशाध्यक्ष के रूप में उन्होंने हिमाचल प्रदेश के प्रत्येक जिले में जाकर संस्कृत शिक्षकों को संगठित व प्रेरित किया। सामाजिक जीवन में भी उनका महत्वपूर्ण योगदान रहा, जिससे समाज को नई दिशा मिली। उनके निधन पर हिमाचल प्रदेश संस्कृत शिक्षक परिषद के जिला अध्यक्ष नरेश मलोटिया, प्रदेश महासचिव डॉ. अमित शर्मा, जिला महासचिव डॉ. विपन कुमार, कोषाध्यक्ष पवन कुमार, नादौन खण्डाध्यक्ष विनोद कुमार, बिझड़ी खण्डाध्यक्ष अजय कौशल, हमीरपुर खण्डाध्यक्ष ज्योतिप्रकाश, सुजानपुर खण्डाध्यक्ष दिनेश कुमार, भोरंज खण्डाध्यक्ष स्वामी लाल सहित समस्त जिला कार्यकारिणी ने गहरा शोक व्यक्त किया है।परिषद ने अपने वक्तव्य में कहा कि विजय कुमार शर्मा के निधन से संस्कृत परिवार को अपूरणीय क्षति हुई है। वे संस्कृत माता के सच्चे सेवक थे और उनके कार्य सदैव प्रेरणास्रोत बने रहेंगे। उनका सामाजिक एवं शैक्षिक योगदान युगों-युगों तक स्मरणीय रहेगा। उनके निधन पर समस्त संस्कृत परिवार ने दिवंगत आत्मा की शांति और उनके परिवार को इस दुःख को सहन करने की शक्ति प्रदान करने की प्रार्थना की है।

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