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ब्यूरो, धर्मशाला। राजकीय महाविद्यालय धर्मशाला की साइंस सोसायटी, इको-क्लब और आंतरिक गुणवत्ता आश्वासन सेल (आईक्यूएसी) ने संयुक्त रूप से हिमाचल प्रदेश विज्ञान, प्रौद्योगिकी और पर्यावरण परिषद के सहयोग से प्रायोजित 5 दिवसीय कार्यशाला का शुभारम्भ किया।
कॉलेज प्राचार्य प्रो. राकेश पठानिया ने बतौर मुख्य अतिथि कार्यशाला में शिरकत की । छात्रों और समाज के बीच जागरूकता पैदा करने के लिए कचरा प्रबंधन और टिकाऊ प्रथाओं पर आधारित कॉलेज के विद्यार्थीयो द्वारा एक लघु फिल्म दिखाई गई और कॉलेज के परिसर मे नुकूड नाटक के माध्यम से कचरा प्रबंधन के सन्दर्भ मे उपस्थित छात्र व छात्राओं को जागरूक किया। कॉलेज परिसर मे वेस्ट कचरे से बनाई हुई वस्तुओं की प्रदर्शनी लगाकर जागरूक किया गया। उन्होंने बताया की कार्यशाला विज्ञान के एक सप्ताह तक चलने वाले उत्सव की शुरुआत का प्रतीक है।
जानकारी देते हुए उन्होंने बताया कि कार्यशाला विज्ञान के दौरान कॉलेज में भिभिन्न गतिविधियां आयोजित की जाएगी जिसमें प्रख्यात वक्ताओं द्वारा आमंत्रित वार्ता विज्ञान प्रदर्शन, रोजमर्रा की जिंदगी में विज्ञान पर कार्यशालाएँ महाविद्यालय के अंदर विभिन्न प्रतियोगिताएं करवाई जायेगी: जैसे लघु फिल्म निर्माण, नुक्कड़ नाटक (नुक्कड़ नाटक) पोस्टर बनाना, नारा लेखन रील बनाना, प्रश्नोत्तरी प्रतियोगिताएं पावर प्रेजेंटेशन, सांस्कृतिक समारोह आदि शामिल हैं।
प्रख्यात वक्ता के तौर पर डॉ. तनवीर सिंह (सहायक प्रोफेसर, पर्यावरण विभाग, जीसी पालमपुर) – ई-कचरा प्रबंधन पर अपना वक्तव्य रखेंगे। शशि कांता (विषय विशेषज्ञ, कृषि विभाग, ब्लॉक धर्मशाला) – सतत कृषि पद्धतियाँ पर आधारित विद्यार्थयों के समक्ष वक्तव्य रखेंगे।
एर. वरुण गुप्ता (प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड) अपना वक्तव्य रखेंगे। आयोजन कार्यकारिणी ने बताया कार्यशाला के दौरान ई-कचरा संग्रहण अभियान भी चलाया जा रहा हैं जिसमें प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड धर्मशाला 8 -9 नवंबर, 2024 को महाविद्यालय सभागार के पास में अपना ई-कचरा संग्रहण वाहन उपलब्ध करवाएगा। कॉलेज प्रशासन ने धर्मशाला की जनता को अपनी ई-कचरा सामग्री जमा करने के लिए आमत्रिंत भी किया हैं।
ऐसे पहचानें ई-वेस्ट
घरों से निकलने वाले कबाड़ में अब पुराने कंप्यूटर, मोबाइल फोन, सीडी, टीवी, अवन, फ्रिज और एसी जैसे तमाम इलेक्ट्रॉनिक आइटम होते हैं। बदलते जमाने के हिसाब से तकनीक बदली और पुराना कम्प्यूटर, मॉनिटर, माउस, की-बोर्ड ई-वेस्ट में शामिल हो गए। पुराने फैक्स, मोबाइल, कंप्यूटर, लैपटॉप, कंडेंसर, माइक्रो चिप्स, कंप्यूटर, मोबाइल फोन, टीवी आदि गैजट्स ई-वेस्ट कहलाते हैं।
कार्यशाला के शुभारम्भ कार्यक्रम में आयोजकों जिसमें. डॉ. रितु बाला (साइंस सोसायटी) डॉ. पूनम धीमान (साइंस सोसायटी) डॉ. दीपिका ठाकुर (इको क्लब प्रभारी) डॉ. विक्रम वत्स (आईक्यूएसी प्रभारी) मौजूद रहे।