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शिमला, 18 अक्तूबर। राज्यपाल शिव प्रताप शुक्ल ने आज यहां राजभवन में निर्मल ठाकुर को शिक्षा, साहित्य और सामाजिक जीवन के क्षेत्र में असाधारण योगदान के लिए सप्त सिंधु फाउंडेशन दिल्ली द्वारा आयोजित प्रथम महाराजा दाहिर सेन सप्त सिंधु लाइफटाइम अवॉर्ड प्रदान किया। इस अवसर पर राज्यपाल ने फाउंडेशन को महाराजा दाहिर सेन के नाम पर सप्त सिंधु अवॉर्ड स्थापित करने के लिए बधाई देते हुए कहा कि वेदों में सप्त सिंधु का उल्लेख है।
राज्यपाल ने कहा कि यह सात नदियों का बहुत व्यापक क्षेत्र था जिसमें चार नदियां सतलुज, ब्यास, चिनाव और रावी हिमाचल प्रदेश से बहकर जाती हैं। उन्होंने कहा कि हिमाचल प्रदेश को सप्त सिंधु क्षेत्र की देवभूमि भी कहा जाता है। राज्यपाल ने खुशी जाहिर करते हुए कहा कि यह सौभाग्य की बात है कि पहला सप्त सिंधु अवॉर्ड कार्यक्रम भी हिमाचल में ही आयोजित हुआ।
अपने परिवार के सहयोग और संबल की आवश्यकता होती है और इसके लिए वह खुद को सौभाग्यशाली मानती हैं क्योंकि यह सब उन्हें परिवार से भरपूर मिला।
उन्होंने इसका श्रेय अपने दिवंगत पति न्यायमूर्ति एच.एस. ठाकुर को दिया, जो हिमाचल प्रदेश उच्च न्यायालय के न्यायाधीश थे। निर्मल ठाकुर ने कहा कि उन्होंने ही उन्हें लेखन के लिए प्रेरित किया। इससे पूर्व, सप्त सिंधु फाउंडेशन के अध्यक्ष प्रोफेसर कुलदीप चंद अग्निहोत्री ने राज्यपाल का स्वागत किया और उन्हें सप्त सिंधु सम्मान और फाउंडेशन के बारे में विस्तृत जानकारी दी।
हिमाचल प्रदेश केंद्रीय विश्वविद्यालय के प्रोफेसर डॉ. अरुण कुमार शर्मा ने सभी का आभार व्यक्त किया। पंजाब और हरियाणा उच्च न्यायालय के न्यायाधीश सुरेश्वर ठाकुर, राज्यपाल के सचिव सी.पी. वर्मा और अन्य गणमान्य इस मौके पर उपस्थित थे।