नशे की रोकथाम को लेकर संगठित प्रयासों की जरूरत: डीसी

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जिले में सभी के सहयोग से चलेगा व्यापक जागरूकता अभियान

आवाज ए हिमाचल

धर्मशाला। जिला कांगड़ा में नशे के दुष्प्रभावों के प्रति लोगों को जागरूक करने के लिए एक व्यापक अभियान चलाने की आवश्यकता है। नशे की रोकथाम के लिए जिला प्रशासन, पुलिस विभाग तथा अन्य संबंधित सरकारी विभागों सहित क्षेत्र में कार्य कर रहीं गैर सरकारी संस्थाओं और आम समाज को संगठित रूप में काम करने की जरूरत है। राष्ट्रीय नार्को समन्वय पोर्टल (एनकॉर्ड) की जिला स्तरीय समन्वय समिति की बैठक की अध्यक्षता करते हुए उपायुक्त कांगड़ा हेमराज बैरवा ने यह बात कही। उपायुक्त कार्यालय में आज मंगलवार को आयोजित इस बैठक में पुलिस अधीक्षक शालिनी अग्निहोत्री भी उपस्थित रहीं।

उपायुक्त ने कहा कि नशे की रोकथाम के लिए एक पूरी तरह समर्पित जागरूकता अभियान जिले में चलाया जाये। उन्होंने कहा कि सभी विभाग और गैर सरकारी संस्थाएं मिलकर जागरूकता सामग्री तैयार करें। उन्होंने नशे के आदी और संभावित आसक्त को लेकर अलग अलग जागरूकता सामग्री बनाने के निर्देश बैठक में दिये, जिससे दोनों श्रेणियों के लोगों को उनकी स्थिति के हिसाब से जागरूक किया जा सके। उन्होंने इस क्षेत्र में काम कर रही गैर सरकारी संस्थाओं को इस बारे विस्तृत परियोजना बनाने के निर्देश दिए।

नशा निवारण और पुनर्वास केंद्रों को करें सशक्त

उपायुक्त ने बैठक में अधिकारियों से जिले में चल रहे निजी क्षेत्र के नशा मुक्ति एवं पुनर्वास केंद्रों के औचक निरीक्षण को लेकर की गई कार्रवाई की जानकारी ली। उन्होंने बताया कि जिले में चल रहे निजी नशा निवारण और पुनर्वास केंद्रों का निरंतर निरीक्षण किया जा रहा है। उन्होंने कहा कि जिले में निजी तौर पर संचालित नशा मुक्ति केंद्रों का निरीक्षण अधिकारियों द्वारा किया गया है तथा वहां जो कमियां पायी गईं उसके तहत नोटिस भी जारी किए गये हैं। उन्होंने कहा कि नोटिस दिए जाने के बाद भी नियमों की अनुपालना नहीं करने वाले नशा मुक्ति तथा पुनर्वास केंद्रों पर आवश्यक कार्रवाई की जाएगी। उन्होंने जिले में सरकारी नशा मुक्ति और पुनर्वास केंद्रों की क्षमता को बढ़ाने के निर्देश दिये। उन्होंने कहा कि सरकारी क्षेत्र में नशा मुक्ति केंद्रों की क्षमता को बढ़ाने की दिशा में जिला रेडक्रॉस सोसाइटी कार्य करे तथा रेडक्रॉस सोसाइटी द्वारा पूर्व में चलाये जा रहे केंद्रों को दोबारा चलाया जाये।

स्कूलों में प्रहरी क्लब हों एक्टिव, दोबारा चले संवाद कार्यक्रम

 बकौल हेमराज बैरवा, जिले के स्कूलों में नशे के दुष्प्रभावों को लेकर जागरूकता अभियान में गंभीर प्रयास करने की आवश्यकता है। उन्होंने शिक्षा विभाग के अधिकारियों को निर्देश दिए कि स्कूलों में निर्मित प्रहरी क्लब को एक्टिव किया जाए। उन्होंने कहा कि प्रहरी क्लब के इंचार्ज की जिम्मेदारी ऐसे शिक्षक को दी जाए जो इस विषय को लेकर गंभीर है और जिसकी बच्चों में भी स्वीकार्यता है। उन्होंने विभाग को निर्देश दिए कि जिले के सभी स्कूलों में प्रहरी क्लब के इंचार्ज अध्यापकों के लिए एक वर्कशॉप का आयोजन भी किया जाए, जिससे उन्हें उनकी भूमिका और जिम्मेदारी से अवगत करवाया जा सके। उन्होंने कहा कि प्रहरी क्लब के शिक्षकों की यह कार्यशाला तीनों पुलिस जिलों कांगड़ा, नूरपुर और देहरा में अलग-अलग करवाई जाएं।

 

उपायुक्त ने जिले में स्कूलों में जागरूकता के लिए पूर्व में चलाए गए ‘संवाद’ ( एस.ए.एम.वी.ए.ए.डी. – सिस्टेमैटिक अडोलसेंट मैनेजमेंट एंड वैल्यू एडीशन डायलॉग) कार्यक्रम में को दोबारा शुरू करने के निर्देश जिला कल्याण अधिकारी को दिए। उन्होंने बताया कि इस कार्यक्रम में विभिन्न विभागों की स्कूली बच्चों से जुड़ी शिक्षा व जागरुकता गतिविधियों को कन्वर्जेंस के साथ निर्धारित शेड्यूल के मुताबिक चलायी जाती हैं। इसे लेकर संबंधित अधिकारियों तथा कर्मचारियों को निरंतर बच्चों के बीच जाने के निर्देश दिए।

मेडिक्ल ऑफिसर को दी जाएगी विशेष ट्रेनिंग

डीसी ने कहा नशे की लत्त से पीड़ित व्यक्तियों के उपचार के लिए विशेष रूप से प्रशिक्षित स्टाफ की जरूरत है। उन्होंने बताया कि जिले में कार्यरत सभी मेडिकल ऑफिसर को विशेष तौर पर प्रशिक्षित किया जाएगा ताकि नशे की चपेट में आए लोगों का सही तरीके से उपचार तथा मागदर्शन सुनिश्चित किया जा सके। उन्होंने विभाग को निर्देश दिए कि जिले के चिकित्सा अधिकारियों को इस संबंध में औपचारिक प्रशिक्षण देने की दिशा में कार्य किया जाए। उन्होंने कहा कि प्रदेश में नशा मुक्ति को लेकर कार्य कर रहे प्रमुख संस्थानों और विशेषज्ञों की सेवाएं इसके लिए ली जाएंगी।

पुलिस से साझा करें जानकारी, करेगी पूर्ण सहयोगः एसपी 

इस अवसर पर पुलिस अधीक्षक शालिनी अग्निहोत्री ने कहा कि जिले में नशे के कारोबार को नियंत्रित करने और युवा को इससे बाहर निकालने के लिए सबकी सहभागिता आवश्यक है। उन्होंने कहा कि नशे की जाल में फंस चुके युवा तथा उनके परिवार इसकी जानकारी पुलिस प्रशासन को बिना किसी झिझक के दें। उन्होंने कहा कि पुलिस उनको इससे बचाने और नशे के कारोबार को नियंत्रित करने में पूर्ण सहयोग करेगी।

यह रहे उपस्थित

 बैठक में मुख्य चिकित्सा अधिकारी डॉ. राजेश गुलेरी, जिला कल्याण अधिकारी मंजुल ठाकुर, टांडा मेडिकल कॉलेज से डॉ. मिलाप शर्मा, आबकारी विभाग से रविंद्र सिंह सहित विभिन्न विभागों के अधिकारी और जिले के सभी एसडीएम, डीएसपी और बीएमओ वीडियो कांफ्रेंस के माध्यम से उपस्थित रहे।

 

 

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