आवाज ए हिमाचल
मंडी। पूर्व लोकसभा प्रत्याशी आश्रय शर्मा ने आज जारी बयान में कहा कि भाजपा हिविंका सरकार के दौरान रोजगार सृजन समिति के चेयरमैन रहते हुए स्वर्गीय पंडित सुखराम ने एक विजन डॉक्यूमेंट तैयार किया था जिसमें हिमाचल को अपनी आय बढ़ाने और संसाधन दोहन करने के लिए चरणबद्ध तरीके से एक कार्ययोजना थी, जिससे आज 50 हजार करोड़ की कमाई के संसाधन हिमाचल में सृजित हो सकते थे, परंतु 2003 में सरकार बदलने की वजह से उसके अनुमोदन लागू नहीं हो पाए।
आश्रय ने कहा कि लोन लेकर सरकार चलाने की प्रथा का आज यह नतीजा है कि हमारे कर्मचारियों और पेंशनरों को सैलरी और पेंशन के लिए इंतजार करना पड़ रहा है। उन्होंने कहा कि वर्तमान स्थिति के लिए वह लोग जिम्मेदार हैं जिन्होंने लंबे समय तक हिमाचल सरकार में मुख्यमंत्री का पद संभाला, इसके लिए केवल वर्तमान मुख्यमंत्री को गलत ठहराना ठीक नहीं है। आश्रय ने कहा कि बेतरतीब तरीके से बिना बजट के संस्थानों को खोला गया। आज उनकी भी जवाबदेही बनती है कितने लम्बे कार्यकाल के बावजुद। क्यों आज प्रदेश के आगे आर्थिक संकट है आज दलगत राजनीति से ऊपर उठकर संसाधन जुटाने का प्रयास करना होगा ताकि भविष्य में हिमाचल प्रदेश की आर्थिकी को सुधारा जा सके। आश्रय ने कहा रोजगार सृजन के लिए धरातल पर कदम उठाने होंगे और निवेश हिमाचल में लाना होगा।
आश्रय ने कहा कि इको फ्रेंडली इंडस्ट्री को हिमाचल में लाने के लिए गंभीर प्रयास करने होंगे और सूक्ष्म, लघु उद्योगों को भी बढ़ावा देने के लिए प्रोत्साहन देना होगा। कॉल सेंटर। या स्टार्टअप कंपनी को प्रोत्साहन देने की आवश्यकता है राज्य को अधिक राजस्व प्राप्त करने के लिए पर्यटन नीति में बागवानी में सुधार करना होगा।आज प्रदेश के अंदर एक विज़न के माध्यम से काम करने की आवश्यकता है। जैसे पंडित सुखराम ने दूरसंचार मंत्री रूप में केवल 3 वर्षों के अंतराल में देश और प्रदेश के अंदर क्रांति लाई थी।