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कांगड़ा। ज्वालामुखी क्षेत्र की जखोटा पंचायत के गुरेहड़ गांव में भैंसों की लड़ाई की चपेट में आ जाने से एक वृद्ध की मौत हो गई। घायलावस्था में उपचार के दौरान टांडा मैडीकल कालेज में उन्होंने अंतिम सांस ली। मृतक की पहचान 72 वर्षीय विशंभर दास पुत्र कांशी राम के रूप में हुई है। विशंभर दास ने अपना शरीर और मानव अंग मैडीकल कालेज हमीरपुर को दान किया था परंतु मौत के समय अधिकतर अंग खराब हो जाने से उनके शरीर के अंगों को सुरक्षित नहीं निकाला जा सका, जिससे उनकी अंतिम इच्छा पूरी नहीं हो सकी।
मिली जानकारी के अनुसार विशंभर दास शाम के समय अपनी भैंस को लेकर घर की ओर आ रहे थे कि एक अन्य भैंस ने सामने से उनकी भैंस पर हमला कर दिया। दोनों भैंसों की लड़ाई की चपेट में आकर विशंभर दास बुरी तरह घायल हो गए और वहीं गिर गए और वहां वह करीब 20 मिनट तक तड़पते रहे। उनके सिर पर गंभीर चोट आई थी। इसी दौरान जब एक व्यक्ति ने उन्हें घायल अवस्था में देखा तो परिजन उन्हें तुरंत निकट के निजी अस्पताल ले गए, जहां प्राथमिक उपचार के बाद उन्हें टांडा रैफर कर दिया गया।
उपचार के दौरान ही टांडा में उनकी मौत हो गई। टांडा में ही परिजनों को पता चला कि विशंभर दास ने अपनी देह तथा मानव अंग हमीरपुर मैडीकल कालेज को दान किए हैं, इसलिए प्रशासन ने उनके शव को हमीरपुर ले जाने के लिए कहा परंतु जब अंतिम जांच की गई तो पता चला कि उनके अधिकांश अंगों को निकाला नहीं जा सकता है क्योंकि वे खराब हो गए हैं जिसके कारण विशंभर दास की अंतिम इच्छा अधूरी रह गई।
बी.एस.एन.एल. विभाग से सेवानिवृत्त विशंभर दास की कोई संतान नहीं है वह अपने पीछे पत्नी छोड़ गए हैं। सैंकड़ों नम आंखों ने वृद्ध को अंतिम विदाई दी।