आवाज़ ए हिमाचल
शिमला। हिमाचल में पांच दिन चले रेस्क्यू आपरेशन में मलबे के ढेर से 16 शव बरामद किए जा सके हैं। बादल फटने के बाद जो लोग लापता हुए थे उनके जीवित रहने की संभावना लगभग खत्म हो चुकी है। तीन जिलों पर बरपे कुदरत के कहर से 55 लोग लापता हो गए थे। इनमें से शिमला के 33, कुल्लू के 12 और मंडी के दस शामिल थे। इनमें से अभी तक मंडी में आठ, शिमला में सात और कुल्लू में एक शव को बरामद किया जा सका है। इनमें मंडी में बरामद सभी आठ की पहचान हो गई है, जबकि शिमला में बरामद लोगों की पहचान के लिए डीएनए सैंपल की मदद ली जा रही है।
दरअसल, शिमला में तीन लोग कुल्लू जिला के भी बहे हैं। फिलहाल, बादल फटने की घटना के बाद लापता लोगों की खोज का अभियान सोमवार को पांचवें दिन भी जारी रहा। रेस्क्यू दल ड्रोन और खोजी कुत्तों की मदद से मलबे में लोगों को तलाशने का काम कर रहे हैं।
गौरतलब है कि अभी भी बादल फटने की घटना के बाद से 46 लोग लापता हैं। इनमें 33 शिमला से लापता हुए हैं। शिमला में रेस्क्यू टीम ने 85 किलोमीटर के दायरे में सर्च आपरेशन चलाया है।
मंडी के तेरंग में लापता लोगों को ढूंढने के लिए चलाया गया सर्च अभियान सोमवार को जारी रहा। उधर, उपायुक्त मंडी अपूर्व देवगन दूसरी बार तेरंग पहुंचे और सर्च अभियान को लीड किया। अब केवल दो लोगों को ढूंढना शेष है।
एनडीआरएफ, एसडीआरएफ, पुलिस और होमगार्ड की टीमों के 100 से अधिक जवान दिन-रात लापता लोगों को ढूंढने के लिए लगे हुए हैं। इन जवानों के अनथक प्रयासों से भारी चट्टानों के बीच फंसे लापता लोगों को ढूंढा जा सका है।