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विनय गोस्वामी, आनी। राजकीय महाविद्यालय आनी में बुधवार को मुंशी प्रेमचंद जयंती के उपलक्ष्य पर विभिन्न साहित्यिक गतिविधियों का आयोजन किया गया। महाविद्यालय के विभिन्न संकायों के छात्रों ने प्रेमचंद के रचना संसार एवं उनके साहित्यिक योगदान पर अपने विचार रखे। हिंदी विभाग के सहायक प्रोफेसर निर्मल सिंह शिवांश ने प्रेमचंद जयंती को मनाने की सार्थकता एवं प्रांसगिकता विषय पर एक विशेष व्याख्यान दिया।
उन्होंने कहा कि 1880 ई. में 31 जुलाई के दिन ही उपन्यास सम्राट मुंशी प्रेमचंद का जन्म हुआ था। प्रतिवर्ष 31 जुलाई का दिन देश-विदेश में प्रेमचंद जयंती के रूप में मनाया जाता है। महाविद्यालय के छात्रों योगेश्वरी, स्मृति, ज्योति, मीनाक्षी, कुकी, हर्षित, अर्जुन राणा ने प्रेमचंद की कहानियों में अभिव्यक्त भारतीय समाज विषय पर अपने विचार प्रस्तुत किये। छात्रों ने पोस्टर एवं चार्ट मेकिंग द्वारा प्रेमचंद के विचारों से छात्रों को अवगत कराया ।
इस अवसर पर महाविद्यालय प्राचार्य प्रो. नरेंद्र पॉल विशेष रूप से उपस्थित रहे। उन्होंने छात्रों को सम्बोधित करते हुए कहा कि मुंशी प्रेमचंद का व्यक्तित्व एवं कृतित्व बहुआयामी है। समाज को सकारात्मक दिशा में ले जाने के लिए उनका साहित्य आज भी प्रांसगिक है।
उन्होंने इस प्रकार के साहित्यिक आयोजनों की वर्तमान प्रासंगिकता पर भी अपने विचार रखे। उस अवसर पर महाविद्यालय के विभिन्न विभागों के छात्र उपस्थित रहे।