आवाज ए हिमाचल
शिमला। हिमाचल प्रदेश सरकार ने कम विद्यार्थी संख्या वाले स्कूलों के पुर्नगठन व शिक्षा की गुणवत्ता में सुधार के लिए कई बड़े फैसले लिए हैं। इस संबंध में सरकार की ओर से अधिसूचना जारी कर दी गई है। बीते दिनों हुई कैबिनेट बैठक के फैसले के बाद सरकार ने राज्य में शून्य विद्यार्थी संख्या वाले 99 स्कूलों को तत्काल प्रभाव से बंद करने के निर्देश जारी किए गए हैं। इनमें 89 प्राथमिक तथा 10 माध्यमिक स्कूल शामिल हैं। इसी तरह पांच या पांच से कम विद्यार्थी संख्या वाले प्राथमिक स्कूलों को उनके दो किलोमीटर की परिधि में स्थित दूसरे प्राथमिक या माध्यमिक स्कूल(जहां पांच से अधिक बच्चे हों) में समाहित (मर्ज) करने के निर्देश दिए हैं।
साथ ही पांच या पांच से कम विद्यार्थी संख्या वाले माध्यमिक स्कूलों को उनके तीन किलोमीटर की परिधि में स्थित दूसरे माध्यमिक स्कूल( जहां पांच से अधिक बच्चे हैं) में मर्ज करने को कहा है। इसके साथ ही प्रदेश में सभी अध्यापकों के तबादले वर्ष में केवल एक बार, शैक्षणिक सत्र के समापन पर ही किए जाएंगे। 31 जुलाई, 2024 के बाद शैक्षणिक सत्र में किसी भी शिक्षक का तबादला नहीं होगा। शिक्षा विभाग में जेबीटी और एचटी का तबादला (अंतर पोस्टिंग) आपस में किया जाएगा, बशर्ते हर जीपीएस में एक ही एचटी कार्यरत रहेगा। एचटी भी अध्यापन कार्य करेंगे।
अध्यापकों का समायोजन होगा, तबादले भी
बंद या मर्ज किए गए स्कूलों में कार्यरत अध्यापकों को पद सहित नजदीक के स्कूलों या अधिक विद्यार्थी संख्या वाले अन्य स्कूलों में सचिव शिक्षा के अनुमोदन के बाद स्थानांतरित किया जाएगा। इसके बाद भी अगर शिक्षक उपलब्ध होंगे तो उनका एक पूल निदेशक स्तर पर बनाया जाएगा व उन्हें अवश्यकता अनुसार स्कूलों में स्थानांतरित किया जाएगा । कई पाठशालाओं में बच्चों की संख्या कम हो रही है तथा अध्यापकों की संख्या या समान है या ज्यादा हो रही है। ऐसे में बच्चों की संख्या के अनुपात के अनुसार अध्यापकों का भी समायोजन किया जाएगा । यह प्रक्रिया वर्तमान में लागू अधिसूचना के अनरूप प्रशासनिक विभाग की ओर से पूरी की जाएगी।
मुख्याध्यापक, प्रिंसिपल भी पढ़ाएंगे
प्रशासनिक पदों पर विद्यालयों में कार्यरत मुख्याध्यापक, प्रिंसिपल अपने प्रशासनिक कार्य के अतिरिक्त कम से कम एक कक्षा में अपने विषय को पढ़ाएंगे। इसके अतिरिक्त, प्राथमिक स्कूलों के केंद्रीय मुख्य शिक्षक तथा मुख्य शिक्षक भी जेबीटी के समकक्ष ही अध्यापन कार्य करेंगे। अध्यापन संबंधी कार्य को इनकी एसीआर में भी अंकित किया जाएगा।
बच्चों को शारीरिक व्यायाम करना अनिवार्य
प्रदेश के सभी स्कूलों में सुबह प्रार्थना सभा में बच्चों के लिए शारीरिक व्यायाम करना अनिवार्य होगा, जिसके लिए कम से कम 15 मिनट का समय निर्धारित होगा तथा शारीरिक शिक्षक ही यह जिम्मेदारी निभाएंगे। शारीरिक शिक्षक जिस भी स्कूल, स्कूल कलस्टर में तैनात हैं, वे वहां सभी कक्षाओं तथा कलस्टर में शामिल सभी स्कूलों के बच्चों को शारीरिक व्यायाम /खेल गतिविधियां करवाएंगे। जिन स्कूलों में कोई शारीरिक शिक्षक नहीं हैं, वहां अन्य कोई अन्य अध्यापक यह कार्य करवाएगा। इसके अतिरिक्त सुबह की प्रार्थना सभा में राष्ट्रगान भी अवश्य गाया जाएगा। प्रार्थना सभा सर्वधर्म समभाव को बढ़ाने वाली होगी। साथ ही ‘ऐ मालिक तेरे बंदे हम व ‘इतनी शक्ति हमे देना दात्ता…… को भी प्रार्थना के रूप में शामिल किया जाएगा। प्रत्येक स्कूल में प्रतिदिन खेल,शारीरिक प्रशिक्षण का एक पीरियड जरूर होगा। स्कूलों में सीपीआर तथा प्राथमिक चिकित्सा की ट्रेनिंग दी जाएगी।
अचल संपत्तियों, संसाधनों को स्थानांतरित नहीं किया जाएगा
सभी बंद किए गए या समाहित किए गए स्कूलों की अचल संपत्तियों, संसाधनों को किसी भी अन्य संस्था अथवा विभाग को स्थानांतरित नहीं किया जाएगा। बल्कि उक्त संसाधनों, संपत्तियों को शिक्षा विभाग की अनुमति एवं संबंधित स्थानीय निकायों की सहमति से सामुदायिक पुस्तकालयों, व्यायामशालों एवं खेलकूद गतिविधियों के केंद्र के रूप में उपयोग में लाया जाएगा।
आवासीय विद्यालय की संभावना तलाशी जाएगी
जिला लाहौल एवं स्पीति में 121 और जिला किन्नौर में 29 ऐसे प्राथमिक स्कूल हैं, जिनमें बच्चों की संख्या पांच या पांच से कम है। ऐसी स्थिति में आवासीय विद्यालय की संभावना को तलाशा जाएगा। इसे पायलट के तौर पर लाहौल एवं स्पीति तथा किन्नौर जिले मे शुरू किया जाएगा । शिक्षा विभाग की ओर से कुछ स्थानों पर लड़कों और लड़कियों की पढ़ाई के लिए अलग-अलग स्कूलों को चलाया जा रहा है। इन स्कूलों में भी बच्चों की संख्या कम हो रही है। ऐसे में जहां ऐसा करना संभव हो, इन स्कूलों को एक ही स्कूल में मर्ज करके सह शिक्षा स्कूल के रूप में चलाया जाएगा ताकि बच्चों को अच्छी शिक्षा प्रदान की जा सके।
मानक संचालन प्रक्रिया से लागू होंगे सभी फैसले
साथ ही उपलब्ध संसाधनों का उचित उपयोग किया जा सके। ऐसे मामलों का मामलावार निर्णय सचिव शिक्षा के स्तर पर लिया जाएगा। शिक्षा सचिव ने प्रारंभिक शिक्षा निदेशक को इन निर्णयों की अनुपालना सुनिश्चित करने के लिए आगामी आवश्यक कार्रवाई करने को कहा है। साथ ही इन निर्णयों को लागू करने के लिए मानक संचालन प्रक्रिया भी तदानुसार तैयार करना सुनिश्चित करने को कहा है।