आवाज़ ए हिमाचल
09 दिसंबर। हर व्यक्ति चाहता है कि उसका बुढ़ापा सुख में बीते, परन्तु 92 साल की उम्र में जीवन के अंतिम दिन बरामदे में काटने पड़ें तो इससे बड़ा दुख और कुछ नहीं हो सकता है। ऐसा ही एक मामला जिला कांगड़ा के विधानसभा क्षेत्र शाहपुर में सामने आया है। 92 वर्षीय बुजुर्ग महिला 6 साल से सर्दी, गर्मी और बरसात हर मौसम में बरामदे में रहने को मजबूर है। नगर पंचायत शाहपुर की कौशल्या देवी के 3 तीन बेटे हैं।
सभी मेहनत मजदूरी करते हैं। उनके एक बेटे ने शाहपुर में एक बैंक की शाखा से 2004 में 5 लाख रुपये का लोन लिया था। बीमारी के चलते वह ऋण नहीं चुका पाए। 2015 में बैंक ने पूरे स्लेटपोश मकान को सील कर दिया। अब वह अपने बेटे के साथ हर मौसम में बरामदे में रहने को मजबूर है। वह बरामदे में ही खाना बनाते और सोते हैं। उन्होंने बताया कि वह बीपीएल परिवार से संबंध रखते हैं।
अभी तक सरकार की तरफ से उन्हें प्रधानमंत्री आवास योजना के अधीन मकान भी नहीं मिला है। उन्होंने सरकार और बैंक से गुहार लगाई है कि एक कमरे और रसोई का ताला खोल दिया जाए, ताकि वह अपने जीवन के अंतिम क्षण अपने घर में काट सके। उन्होंने कहा कि बैंक के जो भी पैसे हैं वह किस्तों में चुकाने को भी तैयार हैं।