आवाज ए हिमाचल
03 मार्च। करीब 90 वर्ष पुराने पठानकोट-जोगेंद्रनगर ट्रैक पर अब उच्च क्षमता वाले इंजन रफ्तार पकड़ेंगे। पठानकोट रेलवे स्टेशन पर तीन इंजन पहुंच चुके हैं और इनका ट्रायल भी हो चुका है। इसी माह इन्हीं इंजनों के साथ कांगड़ा घाटी रेल दौड़नी शुरू हो जाएगी। 22 फरवरी से एक पेयर रेलगाड़ी पठानकोट से जोगेंद्रनगर तक चल रही है और पुराने इंजनों के साथ नए भी जोड़े गए हैं। ट्रैक के लिए रेल मंत्रालय ने 11 इंजन मंजूर कर दिए हैं। इस साल ही सभी आठ इंजन भी पहुंच जाएंगे। नए इंजनों से कांगड़ा घाटी रेल की रफ्तार बढ़ेगी। इससे रेल यात्रा करने वालों का कांगड़ा घाटी रेललाइन में सफर सुहाना होगा।
वर्तमान में ट्रैक में दो रेलगाड़ियां चल रही हैं। एक गाड़ी सुबह सात बजे जोगेंद्रनगर से पठानकोट के लिए चलती है, जबकि दूसरी सुबह 10 बजे पठानकोट से जोगेंद्रनगर के लिए चलाई जा रही है। ट्रैक पर 1929 में रेल सेवा शुरू हुई थी। शुरुआत में भाप के इंजन से रेलगाड़ियां चलती थीं, लेकिन 1976 में डीजल इंजन आ गए और एक-एक कर तीन साल में 12 इंजन मिले थे। अब इन इंजनों में से सात अपनी आयु पूरी कर चुके हैं। इनके स्थान पर उच्च क्षमता वाले 11 इंजन मंजूर हुए हैं और इनमें से तीन पठानकोट पहुंच चुके हैं। एक साल के भीतर बाकी इंजन भी मुहैया करवा दिए जाएंगे।
परेल में तैयार हुए हैं नए इंजन
उच्च क्षमता वाले नए इंजन मुंबई की परेल वर्कशॉप में तैयार किए गए हैं। तीन इंजन पठानकोट पहुंच चुके हैं और इनका ट्रायल भी किया जा चुका है। अधिकारियों के अनुसार नए इंजन उच्च क्षमता वाले हैं। पठानकोट रेलवे के एडीएमई कुलभूषण कुमार का कहना है कि शीघ्र ही बाकी इंजन भी पठानकोट पहुंच जाएंगे। उच्च क्षमता वाले नए इंजनों से रेलगाड़ी रफ्तार पकड़ेगी।