आवाज़ ए हिमाचल
ब्यूरो, शाहपुर। शाहपुर को आज़ादी के बाद पहली बार विधायक या राजनेता नहीं, बल्कि केवल सिंह पठानिया के रूप में जनता का सच्चा सेवक मिला है। यह हम नहीं कह रहे, बल्कि इन दिनों रोजाना शाहपुर की आम जनता के मुख से निकल रहे यह आम शब्द है।
शाहपुर की जनता आखिर ऐसा कहे भी क्यों नहीं, केवल पठानिया काम ही ऐसे कर रहे है, जो न तो कभी हुए हैं और न ही कभी जनता ने ऐसा सोचा था, कि जिस व्यक्ति को वे पिछले 15 सालों से दरकिनार कर रहे थे, असल में वहीं शाहपुर व यहां की जनता का सच्चा हितेषी निकलेगा।केवल सिंह पठानिया शुक्रवार को एक बार फिर सुबह छह बजे किसानों की समस्याएं जानने उनकी कूहलों पर पहुंच गए। केवल पठानिया के साथ एसडीएम शाहपुर करतार चंद धीमान भी साथ रहे।
केवल पठानिया ने सुबह सवेरे न केवल सिंचाई कुहलों का निरीक्षण किया, बल्कि ओबीसी भवन के लिए जमीन का निरीक्षण भी कर डाला।केवल पठानिया युवाओं से मिलने एक जिम में भी जा पहुंचे, जहां उन्होंने युवाओं से बात कर विभिन्न मुद्दों पर चर्चा की।
विधायक केवल पठानिया सुबह-सुबह ही मकरोटी में 95 वर्षीय सेना से रिटायर्ड सूबेदार पूर्ण सिंह से मिलने उनके घर भी पहुंच गए। केवल सिंह पठानिया को सुबह-सवेरे अपने घर देखकर खुद पूर्ण सिंह भी हैरान रह गए। पूर्ण सिंह की माने तो वे 1948 में भर्ती हो गए थे, लेकिन आज तक उन्होंने ऐसा विधायक नहीं देखा, जो सुबह सवेरे ही लोगों की समस्याएं व उनका हल जानने के लिए गांव गांव व घर घर घूमना शुरू हो जाता है।
केवल सिंह पठानिया ने शुक्रवार को सुबह करीब छह बजे 45 मील पहुंचकर वहां से निकल रही भोगल कुहल का निरीक्षण किया। इस दौरान उन्होंने किसानों से भी मुलाकात की तथा उनकी समस्याओं को जाना। विधायक ने एसडीएम को तुरंत लोगों की समस्याओं को दूर करने के निर्देश दिए। केवल सिंह पठानिया ने इसके बाद लदवाड़ा, मूंदला, मकरोटी में जाकर भी सिंचाई कूहलों का निरीक्षण किया तथा किसानों व स्थानीय लोगों से मुलाकात कर उनकी समस्याओं को जाना। केवल सिंह पठानिया सुबह करीब 6 बजकर 45 मिनट पर युवाओं से मिलने जिम पहुंच गए, जहां उन्होंने जिम संचालक तुषार बलौरिया व अन्य युवाओं से बातचीत की। केवल सिंह पठानिया मकरोटी में 95 वर्षीय सेना से रिटायर्ड सूबेदार पूर्ण सिंह से भी मुलाकात की तथा उनका कुशल कक्षेम जाना। इस दौरान उन्होंने पूर्ण सिंह उनकी ज़िंदगी का अनुभव भी लिया। पूर्ण सिंह 1948 से 1976 तक भारतीय सेना में रहे है।उन्होंने 1962,1965 व 1971 का युद्ध भी लडा है। पूर्ण सिंह ने बताया कि जब वे भर्ती हुए थे, तब उन्हें 16 रुपए वेतन मिलता था तथा अब उन्हें पेंशन 62 हजार रुपए मिलती है। इस दौरान केवल पठानिया ने वर्तमान व पूर्व के विभिन्न मुद्दों पर चर्चा की। केवल सिंह पठानिया ने कहा कि जनता ने उन्हें शाहपुर के विकास व उत्थान के लिए चुना है तथा लोगों की उम्मीदों पर खरा उतरने के लिए वे दिन-रात एक कर देंगे। उन्होंने कहा कि लोगों की समस्याओं को उनके घर-द्वार पर सुलझाया जाए यही लोकतंत्र में चुने हुए जनता के प्रतिनिधि का कार्य होता है। वे जनता की सेवा के लिए दिन रात खड़े हैं।