आवाज ए हिमाचल
27 फरवरी। देश का विदेशी मुद्रा भंडार 19 फरवरी को समाप्त सप्ताह में 16.9 करोड़ डॉलर बढ़कर 583.865 अरब डॉलर हो गया। भारती रिजर्व बैंक (आरबीआई) द्वारा जारी आंकड़ों में यह जानकारी दी गई है। इससे पहले 12 फरवरी को समाप्त हुए सप्ताह में विदेशी मुद्रा भंडार 24.9 करोड़ डॉलर घटकर 583.697 अरब डॉलर रह गया था। 29 जनवरी 2021 को समाप्त सप्ताह में मुद्रा भंडार 590.185 अरब डॉलर के रिकॉर्ड ऊंचाई पर पहुंच गया था।
इसलिए हुई वृद्धि
रिजर्व बैंक के आंकड़ों के अनुसार पांच फरवरी को समाप्त सप्ताह में विदेशी मुद्रा परिसंपत्तियों (एफसीए) के बढ़ने की वजह से मुद्रा भंडार में बढ़ोतरी हुई। विदेशी मुद्रा परिसंपत्तियां, कुल विदेशी मुद्रा भंडार का अहम हिस्सा होती हैं। रिजर्व बैंक के साप्ताहिक आंकड़ों के अनुसार समीक्षाधीन अवधि में एफसीए 1.155 अरब डॉलर बढ़कर 542.106 अरब डॉलर हो गई। एफसीए को दर्शाया डॉलर में जाता है, लेकिन इसमें यूरो, पौंड और येन जैसी अन्य विदेशी मुद्रा संपत्ति भी शामिल होती हैं।
देश के स्वर्ण भंडार में गिरावट
आंकड़ों के अनुसार देश के स्वर्ण भंडार का मूल्य 97.7 करोड़ डॉलर घटकर 35.25 अरब डॉलर रह गया। देश को अंतरराष्ट्रीय मु्द्रा कोष (आईएमएफ) में मिला विशेष आहरण अधिकार 40 लाख डॉलर घटकर 1.508 अरब डॉलर रह गया। आईएमएफ के पास आरक्षित मुद्रा भंडार भी 40 लाख डॉलर घटकर 5.002 अरब डॉलर रह गया।
क्या है विदेशी मुद्रा भंडार?
विदेशी मुद्रा भंडार देश के केंद्रीय बैंकों द्वारा रखी गई धनराशि या अन्य परिसंपत्तियां होती हैं, जिनका उपयोग जरूरत पड़ने पर देनदारियों का भुगतान करने में किया जाता है। पर्याप्त विदेशी मुद्रा भंडार एक स्वस्थ अर्थव्यवस्था के लिए काफी महत्वपूर्ण होता है। यह आयात को समर्थन देने के लिए आर्थिक संकट की स्थिति में अर्थव्यवस्था को बहुत आवश्यक मदद उपलब्ध कराता है। इसमें आईएमएफ में विदेशी मुद्रा असेट्स, स्वर्ण भंडार और अन्य रिजर्व शामिल होते हैं, जिनमें से विदेशी मुद्रा असेट्स सोने के बाद सबसे बड़ा हिस्सा रखते हैं।