आवाज ए हिमाचल
शिमला। मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू ने सभी उपायुक्तों के साथ एक वर्चुअल बैठक की अध्यक्षता की और उन्हें अपने जिलों में भारी बारिश से हुए नुकसान का तीन दिन के भीतर आकलन करने के निर्देश दिए। उन्होंने आपदा प्रभावितों की सहायता के लिए सरकार की प्रतिबद्धता को दोहराते हुए अधिकारियों को राहत व पुनर्वास कार्यों मेें तेजी लाने के निर्देश दिए। मुख्यमंत्री ने उपायुक्तों से क्षति की विस्तृत रिपोर्ट तैयार कर प्रभावित परिवारों को राहत प्रदान करने के लिए आवश्यक दिशा-निर्देश भी दिए। मुख्यमंत्री ने कहा कि उपायुक्त जिलों में क्षति का मूल्यांकन कर संबंधित क्षेत्रों को आपदा प्रभावित क्षेत्र का दर्जा प्रदान करें। उन्होंने कहा कि प्रभावितों को राहत राशि के उचित वितरण के लिए एसडीएम और उपायुक्तों सहित राजस्व अधिकारियों की जवाबदेही सुनिश्चित की जाएगी। उन्होंने कहा कि भारी बारिश के कारण हुई तबाही के दृष्टिगत राज्य सरकार ने एक विशेष राहत पैकेज की घोषणा की है। इसमें प्रभावितों की सहायता के लिए दस गुना तक बढ़ा मुआवजा प्रदान किया जा रहा है। उन्होंने कहा कि पूर्व में पक्के मकान को आंशिक क्षति पर 12,500 रुपए और कच्चे घर को आंशिक क्षति होने पर 10,000 रुपए की राहत राशि दी जाती थी। लेकिन प्राकृतिक त्रासदी के कारण हुए नुकसान को देखते हुए सरकार ने इसे बढ़ाकर एक लाख रुपए कर दिया है। उन्होंने कहा कि पहले दुकानों और ढाबों को हुए नुकसान के मुआवजे के रूप में सामान के बदले केवल 10 हजार रुपए की आंशिक आर्थिक सहायता मिलती थी, जिसे अब राज्य सरकार ने दस गुना बढ़ाकर एक लाख रुपए कर दिया है।
इसके अलावा नए प्रावधानों के अनुसार दुधारू और भारवाहक मवेशियों की मृत्यु पर प्रति पशु 55,000 रुपए की वित्तीय सहायता दी जाएगी और भेड़, बकरी और सुअर की मृत्यु की स्थिति में वित्तीय सहायता को 4000 रुपए से बढ़ाकर 6000 रुपए कर दिया गया है।