आवाज़ ए हिमाचल
शिमला, 9 मार्च। बजट में किसान-बागवानों की अनदेखी और सौतेले व्यवहार का आरोप लगाकर संयुक्त किसान मंच ने आरपार की लड़ाई का एलान कर दिया है। मंगलवार को शिमला में आयोजित बैठक के दौरान प्रदेश भर के 13 किसान-बागवान संगठनों के प्रतिनिधियों ने आम सहमति से यह फैसला लिया है।
मंच के संयोजक हरीश चौहान ने बताया कि 28 मार्च को प्रदेश भर में ब्लॉक, तहसील और उपमंडल स्तर पर प्रदर्शन होंगे और सरकार को मांग पत्र भेजा जाएगा। सरकार अगर मांगों की अनदेखी करती है तो प्रदेश स्तरीय आंदोलन शुरू किया जाएगा जो आगामी विधानसभा चुनावों तक जारी रहेगा। बैठक में मंच के 15 सूत्रीय मांग पत्र पर चर्चा की गई।
किसानों ने विशेष रूप से प्रदेश में खाद, फफूंदनाशक, कीटनाशक और अन्य लागत वस्तुओं की कीमतों में 40 से 100 फीसदी वृद्धि पर चिंता जताई। मंच की ओर से पिछले छह महीनों से उठाई जा रही मांगों को लेकर सरकार के उपेक्षापूर्ण रवैये पर भी नाराजगी जताई गई।
हरीश चौहान ने बताया कि खाद का एक बैग जो 850 रुपये में मिलता था, उसकी कीमत इस वर्ष 1740 रुपये कर दी गई है। कीमतें बढ़ने के अलावा प्रदेश के अधिकांश भागों में खाद उपलब्ध ही नहीं है। मंडी मध्यस्थता योजना के तहत सरकारी एजेंसियों की ओर से खरीदे गए सेब का लंबित 65 करोड़ का भुगतान न होने पर भी मंच ने कड़ी नाराजगी जताई है।