आवाज़ ए हिमाचल
इस्लामबाद , 9 अप्रैल। पाकिस्तान की आतंकवाद निरोधी अदालत ने लश्कर-ए-तैयबा (LeT) प्रमुख हाफिज सईद को 31 साल की सजा सुनाई। हाफिज सईद 26/11 मुंबई हमलों का मास्टरमाइंड है। जमात उद दावा के प्रमुख हाफिज सईद को 2 मामलों में सजा सुनाई गई है।
अदालत ने उसकी सभी संपत्तियों को जब्त करने का आदेश भी दिया है। संयुक्त राष्ट्र की तरफ से घोषित आतंकवादी सईद पर 3,40,000 रुपए का जुर्माना लगाने का भी आदेश दिया है।
रिपोर्टों में कहा गया है कि हाफिज सईद ने कथित तौर पर जो मस्जिद और मदरसा बनाया था, उसे भी कब्जे में ले लिया जाएगा।
70 साल के हाफिज सईद को पहले भी आतंकवाद की फंडिंग के कई मामलों में सजा सुनाई जा चुकी है। 2020 में उसे 15 साल जेल की सजा सुनाई गई थी। उसने पाकिस्तान में अलग-अलग तरीके से नजरबंदी में और बाहर कई साल बिताए हैं। हालांकि, वो भारत को निशाना बनाकर भड़काऊ भाषण देते हुए वह पूरे देश में खुलेआम घूमता है। उसे 2019 में पाकिस्तान के पीएम इमरान खान की अमेरिका यात्रा से ठीक पहले गिरफ्तार किया गया था। उस वक्त अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने ट्वीट किया था कि सईद को 10 साल तक ढूंढने के बाद हिरासत में लिया गया है।
सईद आतंकवाद रोधी अदालत में पेश होने के लिए लाहौर से गुजरांवाला जा रहा था। तभी उसे पंजाब के आतंकवाद निरोधी विभाग ने गिरफ्तार किया। यूएस हाउस फॉरेन अफेयर्स कमेटी ने नोट किया कि सईद को 2001 से आठ बार गिरफ्तार किया गया और रिहा किया गया। हाफिज सईद को 26 नवंबर, 2008 को मुंबई पर हुए आतंकी हमले के लिए मास्टरमाइंड ठहराया गया है, जिसमें 166 लोग मारे गए थे।