आवाज़ ए हिमाचल
शिमला। शिमला आबकारी एवं कराधान विभाग ने 250 करोड़ रुपए राजस्व जुटाने का टारगेट तय कर दिया है। आगामी एक साल में विभाग इस टारगेट को हासिल करेगा। इसके साथ ही राज्य सरकार को भी विभागों के वित्तीय हालात की जानकारी आंकड़ों के माध्यम से मिल पाएगी। विभाग विशेषज्ञों और जानकारों की मदद से यह डाटा तैयार करेगा। इस प्रोजेक्ट के लिए हर साल 15 करोड़ रुपए का प्रावधान राज्य सरकार करेगी। यह प्रोजेक्ट शुरुआती चरण में तीन साल के लिए शुरू किया जा रहा है। बाद में इसे आगामी दो साल के लिए बढ़ाया जा सकता है। गौर हो कि जीएसटी पर केंद्र सरकार से मिलने वाला मुआवजा बंद हो चुका है। हिमाचल सरकार को बीते वित्तीय वर्ष में केंद्र सरकार से 3533 करोड़ जीएसटी मुआवजा केंद्र सरकार से मिला था। पिछले साल ही जून महीने में जीएसटी मुआवजे की तय अवधि पूरी होने के बाद इसे रोक दिया गया था।मौजूदा सरकार ने विधानसभा में बजट सत्र के दौरान जीएसटी मुआवजे के लिए विकल्प तलाशने की बात कही थी। इस दिशा में अब कदम बढ़ाते हुए आबकारी एवं कराधान विभाग ने 250 करोड़ रुपए अतिरिक्त आय के साधन जोडऩे का लक्ष्य तय कर दिया है। यानी राज्य सरकार हर साल 15 करोड़ रुपए के खर्च से 250 करोड़ रुपए की आय के फार्मूले पर काम कर रही है।
राज्य सरकार की मंजूरी के बाद इस क्रम में प्रक्रिया तेज हो गई है। आबकारी कराधान विभाग के राज्य आयुक्त युनुस ने बताया कि सरकार के आदेशों पर अमल किया जाएगा। राज्य में आय के साधन विकसित करने के लिए विभाग पूरी ताकत से जुटेगा। इसमें बड़े पैमाने पर टैक्स की लीकेज बंद होगी और राजस्व जुटाने के नए रास्ते भी खुलेंगे।