2,000 करोड़ रुपए का कर्ज लेगी हिमाचल सरकार

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आवाज़ ए हिमाचल 

शिमला। मुख्यमंत्री सुखविंद्र सिंह सुक्खू के नेतृत्व की नई कांग्रेस सरकार अब फिर 2,000 करोड़ का कर्ज लेगी, जबकि 1,500 करोड़ रुपये का ऋण इससे पहले लिया गया है। राज्य सरकार के वित्त विभाग ने इस संबंध में दो अलग-अलग अधिसूचनाएं जारी की हैं। एक अधिसूचना 700 करोड़ और दूसरी 1,300 करोड़ रुपये की जारी की गई है। इन अधिसूचनाओं के अनुसार 700 करोड़ रुपये का कर्ज 9 साल की अवधि के लिए लिया जाएगा और 1,300 करोड़ रुपये का दूसरा कर्ज 15 साल की अवधि के लिए लिया जाएगा। इसके लिए राज्य सरकार अपनी प्रतिभूतियों को भारतीय रिजर्व बैंक के पास गिरवी रखेगी। प्रतिभूतियों की नीलामी 21 फरवरी को होगी। इसी दिन 700 करोड़ रुपये का कर्ज 22 फरवरी 2032 तक चुकता कर दिया जाएगा जबकि 1,300 करोड़ रुपये का कर्ज 22 फरवरी 2038 तक चुकाया जाएगा।

दोनों ही कर्ज लेने का कारण हिमाचल प्रदेश में विकास कार्यों के लिए इसका इस्तेमाल करना बताया गया है। 2,000 करोड़ रुपये के इस ताजा कर्ज को लेने की अधिसूचना प्रदेश मंत्रिमंडल की दूसरी बैठक के दौरान जारी की गई है, जिसमें आगामी बजट सत्र की तिथियां भी तय कर दी गई हैं। उल्लेखनीय है कि पिछले शीत सत्र में हिमाचल प्रदेश में कर्ज लेने की सीमा बढ़ाने के लिए हिमाचल सरकार ने संबंधित अधिनियम को संशोधित किया था। इस संबंध में केंद्र सरकार से मंजूरी ली गई थी। मुख्यमंत्री सुखविंद्र सिंह सुक्खू बार-बार कह रहे हैं कि हिमाचल सरकार जयराम सरकार के लिए कर्ज को चुकाने के लिए लोन ले रही है। उनका कहना है कि पिछली सरकार ने कई देनदारियों को छोड़ दिया है। इनमें कर्मचारियों और पेंशनरों का एरियर भुगतान और डीए की किस्त तक नहीं दी गई है। इसके अलावा इस सरकार ने 75,000 करोड़ रुपये से ज्यादा का कर्ज प्रदेश पर डाला है। इससे पहले सुक्खू सरकार ने 1,500 करोड़ रुपये का कर्ज लेने की अधिसूचना जारी की थी।

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