आवाज ए हिमाचल
17 अक्टूबर।राजधानी शिमला के अटल इंस्टीट्यूट और सुपर स्पेशलिटी अस्पताल चमियाना ने 23 वर्षीय युवती की खाने की नली में फंसे सिक्के को आधुनिक एंडोस्कोपी उपकरणों की सहायता से बाहर निकाला है। यह अपने आप में एक तरह का दुर्लभ मामला है। युवती के परिजन कई वर्षों से उसकी खाने की नली में फंसे सिक्के को निकलवाने का प्रयास किया, मगर यह संभव नहीं हो पाया। चमियाना अस्पताल के ग्रेस्ट्रो विभाग की टीम ने विभागाध्यक्ष और प्राचार्य डाॅ. बृज की अगुवाई में सफलता हासिल की।डॉ. राजेश शर्मा, डॉ. विशाल बोध और डॉ. आशीष चौहान ने 23 वर्षीय युवती की भोजन नली (फूड पाइप ) में फंसे सिक्के को एंडोस्कोपी की आधुनिक मशीन की सहायता से 20 मिनट में बाहर निकाला। युवती पिछले 15 साल से सिक्का फंसा होने के कारण खाना खाने की समस्या को झेल रही थी। भोजन को निगल नहीं पाती थी। इसलिए उसने तरल खाने जैसे दलिया और ग्राइंड करने के बाद ही खाने की आदत बना ली थी।परिजनों का कहना है कि उन्होंने कई अस्पतालों में टेस्ट करवाने के बाद उपचार कर सिक्का बाहर निकालने का प्रयास किया। चमियाना अस्पताल में लाए जाने के बाद उसके नए सिरे से सभी टेस्ट करवाए गए। इसके बाद इस सिक्के को बाहर निकाला गया। सिक्के को बाहर निकाले जाने के बाद अब युवती हर तरह के भोजन को खा और निगल सकेगी। डाॅ. बृज शर्मा ने बताया कि जब वह दूसरी कक्षा में पढ़ती थी, तो उसने गलती से सिक्का निगल लिया। जो उसके भोजन की नली में फंस गया।डॉ. बृज ने कहा कि यह आधुनिक उपचार उपकरणों और मशीनों से संभव हो पाया है। टीम ने आधुनिक एंडोस्कोपिक तकनीक की सहायता से सिक्का सुरक्षित रूप से बाहर निकाला। युवती की हालत स्थिर है और शनिवार तक उसे छुट्टी देने की तैयारी है। सिटी स्कैन और अन्य टेस्ट में सब सामान्य निकला है। भोजन नली में धातु का फंसा रहना बेहद दुर्लभ मामला है। इसका सफल उपचार चिकित्सा दृष्टि से बड़ी उपलब्धि है।