15 मार्च से सुप्रीम कोर्ट हाइब्रिड तरीके से फिजिकल सुनवाई की शुरुआत करेगा

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आवाज़ ए हिमाचल 

06 मार्च। कोरोना वायरस को दुनिया में आए हुए एक साल से भी ज्यादा हो गया है, लेकिन कहीं जगहों पर अभी भी हालत सामान्य नहीं हो सके हैं। वहीं, वायरस के मद्देनजर भारत के सुप्रीम कोर्ट में भी उपायों का पालन करते हुए फिजिकल सुनवाई को बंद कर दिया गया, जिससे शारीरिक दूरी का ध्यान रखा जा सके। हालांकि, भारत में धीरे-धीरे सभी स्थानों पर हालात सामान्य होते जा रहे हैं। वहीं, काफी समय से मांग भी उठ रही है कि अदालत को पहले की तरह फिजिकल सुनवाई को दोबारा शुरू कर देना चाहिए, जहां अब इसके संकेत मिल रहे हैं। रिपोर्ट के मुताबिक, सुप्रीम कोर्ट 15 मार्च से हाइब्रिड तरीके से फिजिकल सुनवाई की शुरुआत करेगा।

बताया गया कि सुप्रीम कोर्ट 15 मार्च से प्रयोगात्मक आधार पर हाइब्रिड सुनवाई (शारीरिक और आभासी) की शुरुआत करेगा। सुप्रीम कोर्ट का कहना है कि मंगलवार, बुधवार और गुरुवार को सूचीबद्ध मामले, जिनमें अंतिम सुनवाई सहित अन्य मामलों को हाइब्रिड तरीके के माध्यम से सुना जाएगा। बता दें कि कोरोना महामारी के कारण सुप्रीम कोर्ट में लंबे समय से वीडियो कांफ्रेंसिंग के जरिये वर्चुअल सुनवाई हो रही है।अब से एक महीने पहले बार काउंसिल आफ इंडिया ने मुख्य न्यायाधीश एसए बोबडे के हवाले से बताया था कि सुप्रीम कोर्ट में जल्द ही हाइब्रिड तरीके से फिजिकल सुनवाई शुरू की जाएगी। उस वक्त बताया गया था कि सुप्रीम कोर्ट में फिजिकल सुनवाई बहाल कराने के लिए मुख्य न्यायाधीश एसए बोबडे, और सालिसिटर जनरल तुषार मेहता, बार काउंसिल आफ इंडिया के अध्यक्ष मनन कुमार मिश्रा और सुप्रीम कोर्ट बार एसोसिएशन के प्रतिनिधियों ने बैठक कर इस विषय पर विचार विमर्श किया।

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