आवाज ए हिमाचल
15 मार्च। सभी परिस्थितियां ठीक रहीं तो 15 अप्रैल से पहले मनाली लेह मार्ग बहाल हो जाएगा। बीआरओ ने रिकॉर्ड समय में मनाली लेह मार्ग के बारालाचा दर्रे बहाल कर लिया है। रिकॉर्ड समय में दर्रे को बहाल करने के मकसद से बीआरओ की एक टीम पैदल चलकर सरचू ट्रांजिट कैंप पहुंच गई है। बीआरओ ने सरचू में भी मशीनरी की व्यवस्था की हुई है। बारालाचा दर्रे के बहाल होने से लेह मार्ग के जल्द बहाली की उम्मीद जगी है। मनाली की ओर से बीआरओ की हिमांक परियोजना की अब मात्र 25 किलोमीटर सड़क बहाली शेष रह गई है। बीआरओ ने मनाली से 160 किमी दूर बारालाचा दर्रे को पार कर लिया है।रोहतांग दर्रे पर बनी अटल टनल ने सभी को बड़ी राहत दी है।
टनल बनने से अब बीआरओ की रोहतांग बहाली पर होने वाला करोड़ों का खर्च भी बच गया है। अटल टनल ने न केवल लेह की 46 किलोमीटर दूरी कम की है बल्कि बीआरओ सहित सेना की राह भी सरल बनाई है।बीआरओ ने अटल टनल की मदद से सर्दी भर लाहुल घाटी को मनाली से जोड़े रखा है। मनाली की ओर से बीआरओ ने बारालाचा दर्रे को पार कर सरचू की ओर कूच कर लिया है, जबकि हिमांक परियोजना भी सड़क बहाल करते हुए लेह की ओर से सरचू की ओर बढ़ रही है। बीआरओ ने मनाली लेह मार्ग सहित कुंजुम दर्रे व शिंकुला दर्रे की बहाली भी तेज कर दी है।