आवाज़ ए हिमाचल
शिमला। हिमाचल प्रदेश में लावारिस पशुओं की समस्या आने वाले समय में कम होगी। दुग्ध उत्पादन में भी बढ़ोतरी होगी। प्रदेश में पशुपालन विभाग की ओर से उपलब्ध करवाया जा रहा बछड़ी पैदा करने के टीके के दाम 1,025 रुपये कम हो गए हैं। अब यह 1,150 की जगह 125 में मिलेगा। इस कृत्रिम गर्भधारण के बाद गाय के बछड़ी होने की 90 फीसदी गारंटी हैं। पशुपालकों को विभाग जर्सी, साहीवाल और होल्सटीन फ्रिसियन (एचएफ) नस्ल के टीके उपलब्ध करवा रहा है। पशुपालन विभाग ने 14 सितंबर 2022 में प्रदेश में इन टीकों को लगाने की शुरुआत की थी। हालांकि ग्रामीण स्तर पर लोगों को अभी इसकी अधिक जानकारी नहीं है। वहीं जिन पशुपालकों को इसके बारे में जानकारी थी, वह महंगा होने के कारण इसे खरीद नहीं पा रहे थे। अब टीके की दरों में सीधे 1,025 रुपये की कमी आने के चलते इसे आसानी से खरीद सकेंगे। मांग के अनुसार उन्हें यह टीके उपलब्ध कराए जा रहे हैं। बड़ी बात यह है कि इन टीकों के बाजार में आने के बाद एक तरफ जहां गायों की संख्या बढ़ेगी और प्रदेश में दुग्ध उत्पादन में बढ़ोतरी होगी। वहीं, पशुपालकों की आर्थिकी सुदृढ़ होगी। इसके अलावा प्रदेश में सबसे बड़ी लावारिस पशुओं की समस्या का आने वाले समय में स्थायी समाधान होगा। इस टीके के लगाने के बाद गाय के बछड़ी होने की गारंटी 90 फीसदी है। जिससे बछड़ों की संख्या अपने आप ही कम हो जाएगी। प्रदेश की सड़कों पर लावारिस पशुओं के रूप में 90 फीसदी बैल हैं।