आवाज ए हिमाचल
01 फरवरी। चीन और पाकिस्तान से सीमा पर मौजूदा तनाव को देखते हुए भारतीय वायु सेना लगातार अपनी ताकत में इजाफा कर रही है, ताकि किसी भी परिस्थिति में दुश्मन को सबक सिखाया जा सके। इसी क्रम में राफेल फाइटेर जेट के बाद अब इंडियन एयरफोर्स 114 और लड़ाकू विमान को खरीदने की योजना पर काम कर रही है। आगामी एयरो इंडिया के दौरान 83 एलसीए तेजस मार्क-1-ए विमान के सौदे पर हस्ताक्षर किए जाने के साथ, भारतीय वायु सेना अब मल्टीरोल लड़ाकू विमान परियोजना पर ध्यान केंद्रित करना चाहती है। इस परियोजना के तहत वायु सेना 114 लड़ाकू विमानों को खरीदने की योजना बना रही है, जिसकी अनुमानित कीमत 1.3 लाख करोड़ रुपए है। एक न्यूज एजेंसी के मुताबिक वायु सेना लंबे समय से इस लड़ाकू विमान परियोजना पर कार्य कर रही थी और अब 83 एलसीए तेजस मार्क-1-ए के लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व वाली कैबिनेट कमेटी ने मंजूरी दे दी है।
इसको लेकर बंगलूर में 50000 करोड़ रुपए के सौदे पर हस्ताक्षर किए जाने की तैयारी है। सरकार के सूत्रों ने एक न्यूज एजेंसी के हवाले से बताया कि 83 मार्क तेजस मिग -21, फाइटर जेट्स के चार स्क्वाड्रन की जगह लेगा, जिन्हें निकट भविष्य में चरणबद्ध किया जाना है। अब 114 फाइटर जेट्स प्रोजेक्ट पर ध्यान केंद्रित किया जाएगा। भारतीय वायुसेना ने निविदा के लिए सूचना का अनुरोध पहले ही जारी कर दिया है और जल्द ही इस परियोजना के लिए रक्षा मंत्रालय के समक्ष आवश्यकता की स्वीकृति प्राप्त करने के लिए एक प्रस्ताव दिया जाएगा। यह 4.5 प्लस पीढ़ी के विमानों का अधिग्रहण करने में सक्षम करेगा। आपको बता दें कि 36 राफेल विमानों का एयरफोर्स में शामिल होने की प्रक्रिया पिछले साल ही शुरू हो चुकी है। जो 114 विमान एयरफोर्स खरीदेगी ये मेड इन इंडिया होंगे। विदेशी कंपनियों को आत्मनिर्भर भारत योजना के तहत एक मजबूत घरेलू रक्षा उद्योग बनाने के लिए प्रौद्योगिकी हस्तांतरण करना आवश्यक होगा।