आवाज ए हिमाचल
14 जून हिमाचल प्रदेश में इस साल के अंत तक सभी पुराने बिजली मीटरों को प्रीपेड में तब्दील कर दिया जाएगा। यह स्मार्ट बिजली मीटर मोबाइल फोन की तरह रिचार्ज होंगे। दिसंबर 2025 तक घरों, दुकानों, कार्यालयों और औद्योगिक प्रतिष्ठानों में स्मार्ट प्रीपेड मीटर लगाने का लक्ष्य रखा गया है। इस बदलाव से उपभोक्ताओं को बिजली की खपत के अनुसार भुगतान करने की सुविधा मिलेगी। मीटर के रिचार्ज की राशि समाप्त होते ही बिजली आपूर्ति स्वत: ही बंद हो जाएगी। प्रदेश में नए मीटरों की खरीद के लिए बिजली बोर्ड प्रबंधन ने टेंडर मांगने की प्रक्रिया शुरू कर दी है। केंद्र सरकार के निर्देशानुसार बिजली बोर्ड ने प्रीपेड मीटर को लेकर प्रक्रिया तेज कर दी है। राज्य बिजली बोर्ड प्रबंधन ने प्री पेड मीटर लगाने की व्यवस्था के लिए कुछ माह पूर्व एक कमेटी गठित की थी। कमेटी की सिफारिशों को अब सरकार से मंजूरी मिल गई है। ऐसे में प्रबंधन ने टेंडर प्रक्रिया शुरू कर दी है। प्रीपेड मीटर लगने पर उपभोक्ता से मीटर की सिक्योरिटी राशि नहीं ली जाएगी। प्रीपेड मीटर लगने पर प्रदेश के साढ़े 19 लाख से अधिक उपभोक्ता परिवार की जरूरत के हिसाब से मोबाइल फोन की तरह रिचार्ज करवा सकेंगे। स्मार्ट मीटर में बिजली खपत और बिल की जानकारी सीधे उपभोक्ता के मोबाइल पर चली जाएगी। रिचार्ज करने के लिए बिजली बोर्ड प्रदेश के विभिन्न स्थानों में वेंडिंग मशीनें लगाएगा। रिचार्ज का पैसा खत्म होने से पहले उपभोक्ताओं को बत्ती गुल होने का एसएमएस मिलेगा। प्रीपेड मीटर कनेक्शन से बिजली चोरी पर लगाम लगेगी। केंद्र सरकार ने सभी बिजली मीटरों को प्रीपेड में बदलने की घोषणा की है। इसी कड़ी में अब हिमाचल में बिजली बोर्ड ने प्रक्रिया शुरू कर दी है।
जरूरत के हिसाब में बिजली प्रयोग कर होगी बचत
प्रीपेड मीटर से लोग जरूरत के हिसाब से बिजली खर्च कर सकेंगे। इससे बचत ज्यादा होगी। प्रीपेड मीटर से उन परिवारों को लाभ होगा, जो एक बार में ज्यादा बिजली बिल देने की स्थिति में नहीं हैं। वे जरूरत के हिसाब से मीटर रिचार्ज कर सकेंगे। अगर कोई छुट्टियों में बाहर गया ।